ग्वालियर। कांग्रेस लगातार राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति को लेकर सवाल उठा रही है। राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को पलटवार करते हुए कहा कि मेरी संपत्ति तो 300 साल पूर्व की है, यह सभी जानते हैं। जवाब तो उन लोगों को देना चाहिए जो नए-नए महाराज बने हैं। राज्यसभा सदस्य सिंधिया ने शुक्रवार को ग्वालियर के जयविलास पैलेस में मीडिया से चर्चा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने चंद सालों में करोड़ो व अरबों की संपत्ति अर्जित कर ली है, उनको इसका जवाब देना चाहिए कि यह संपत्ति कहां से आई।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सिंधिया एजुकेशन सोसाइटी को 146 एकड़ भूमि 99 साल के लिए 100 रुपए टोकन मनी पर लीज पर दी गई। कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने सिंधिया को अपने निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि सिंधिया जब भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलते थे, तो उनके पास ग्वालियर या इस अंचल से जुड़े कोई विकास कार्य का मुद्दा नहीं होता था।
केवल सिंधिया ट्रस्ट के नाम जमीन नामांतरण और अपने पसंदीदा अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग का मसला ही होता था। उन्होंने कहा कि जब पूर्व मंत्री कमलनाथ ने सिंधिया के जमीन नामांतरण के कार्यों को करना बंद कर दिया, तो वह अपने 22 विधायकों के साथ पार्टी से अलग हो गए।
कांग्रेस के इस हमले पर बीजेपी ने पलटवार किया है। पार्टी का कहना है कि कांग्रेस को यह समीक्षा करनी चाहिए कि आखिर किस नियम के तहत उन्होंने यह जमीन सिंधिया ट्रस्ट को दी है। यदि गलत नियमों के चलते यह जमीन दी गई होगी, तो निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित मंत्री समूह की समिति इस पूरे मामले की जांच भी करेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया का काम करना बंद कर दिया तब उन्होंने सरकार को छोड़ा।
सिंधिया ने कहा कि मैने राज परिवार में जन्म लिया है, इसमें मेरी क्या गलती है। यदि गलती है तो मैं स्वीकार करता हूं। गौरतलब है कि उपचुनाव का शंखनाद होने के साथ ही कांग्रेस ने सिंधिया पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस लगातार सिंधिया परिवार पर जमीनों पर कब्जे का आरोप लगा रही है। सिंधिया चार दिवसीय अंचल के दौरे पर हैं। इस दौरान वह मुरैना, मेहगांव, ग्वालियर सहित अन्य सभी जगह बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होंगे व सभाएं भी ले रहे हैं।