ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला न्यायालय के तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश ने दोहरे हत्याकांड के तीन आरोपियों को उम्रकैद और 5-5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद आरोपियों को भिण्ड जेल भेज दिया गया। आरोपियों ने वर्ष 1999 में बंदूकों से लैस होकर पावई थाने के विरगवां गांव में हत्याकांड को अंजाम दिया था।
एडीपीओ इंद्रेश प्रधान ने आज यहां बताया कि 16 अक्टूबर 1999 को हरेंद्र कुमार शर्मा अपने पिता तेजराम और चाचा माताप्रसाद शर्मा के साथ खेत पर गए थे। घर पर बताकर गए थे कि नाश्ता खेत पर ही लेकर आ जाना। खेत में सुबह के समय तेजराम के बेटे हरेंद्र, बेटी शैलेंद्री और माता प्रसाद करब काट रहे थे। इसी दौरान आरोपी मुरारी, श्रीकृष्ण, रामौतार, रामवरन, सुभाष, किशनदत्त, रामकिशोर, अशोक और डब्बू खेत पर हथियारों से लैस होकर आए। आरोपियों ने आकर अंधाधुंध फायरिंग कर तेजराम और माता प्रसाद शर्मा को गोली मार दी थी। गोली लगने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। फायरिंग के दौरान हरेंद्र, शैलेंद्री और धर्मेंद्र ने बाजरे के खेत में छिपकर अपनी जान बचाई थी। कोर्ट ने दोष साबित होने पर आरोपी किशनदत्त (62), रामवरन (64), रामकिशोर (60) निवासी ग्राम विरगवां थाना पावई को उम्रकैद और 5-5 हजार रुपए अर्थदंड जमा करने की सजा सुनाई है। बाकी आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य नहीं होने से उन्हें बरी किया गया।