इंदौर। शहर में यात्री बसों की आवाजाही कम करने के लिए नगर निगम ने प्लान तैयार कर लिया है। इसके तहत 1 अप्रैल से सभी बसें स्टार चौराहे (एमआर-10) के पास बन रहे अस्थायी बस स्टैंड से चलेंगी। देवास आने-जाने वाली उपनगरीय बसों को फिलहाल इससे छूट दी गई है, लेकिन उससे आगे भोपाल, ग्वालियर, आगरा, सागर सहित सभी रूटों की एआईसीटीएसएल (AICTSL) और ट्रैवल्स संचालकों की स्लीपर कोच व अन्य बसें वहीं से आवाजाही करेंगी।

यह व्यवस्था निगम नया आईएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) बनने तक के लिए कर रहा है। तब तक इस व्यवस्था में आने वाली परेशानियों के बारे में भी पता चल जाएगा। गौरतलब है कि यह मुद्दा भास्कर ने ही प्रमुखता से उठाया था। हाल ही में इसकी तैयारियों को देखने के लिए निगमायुक्त आशीष सिंह ने दौरा किया। बस स्टैंड के लिए दीवार तो बन गई है, लेकिन जमीन समतलीकरण का काम थोड़ा बचा है। निगमायुक्त ने अफसरों को सारे काम 31 मार्च के पहले पूरे करने को कहा है। इधर, ट्रैफिक पुलिस अफसरों से भी बात हुई है। उस रूट की बसें शहरी क्षेत्र में न आएं, इसके लिए स्टार और रेडिसन चौराहे पर जवान तैनात किए जाएंगे। यात्रियों को अस्थायी बस स्टैंड तक लाने ले जाने के लिए ट्रैवल्स एजेंसियां और प्रशासन मिलकर छोटे वाहनों का इंतजाम करेंगे। सिटी बस ऑफिस से इन्हें पिक एंड ड्राप करने की सुविधा रहेगी।

निगम ने सरवटे बस स्टैंड पर मार्च तक बसों को खड़ा करने का दावा किया था। जब अधिकारियों ने मौके की हालत देखी तो पता चला कि आधा काम भी नहीं हो सका है। निगमायुक्त ने ठेकेदार से कहा कि मैं तुम पर पांच लाख की पेनल्टी लगा रहा हूं। चाहूं तो ज्यादा पेनल्टी भी लगा सकता हूं। अाखिरी मौका दिया जा रहा है। 30 मई तक बस स्टैंड की तल मंजिल पूरी नहीं की और बसों के खड़े करने की व्यवस्था नहीं हुई तो तुम्हें ब्लैक लिस्ट कर दूंगा। 20 लाख की पेनल्टी भी लगाई जाएगी। निगमायुक्त ने बताया कि इंजीनियर और कंसल्टेंट द्वारा बार-बार कहने के बावजूद ठेकेदार की लापरवाही से काम लेट होता जा रहा है।

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