नई दिल्ली । राजधानी में सेप्टिक टैंक में गिरने से हुई कई मौतों के बावजूद अभी प्रशासन इस दिशा में गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। ताजा मामले में एक चार वर्षीय बच्ची की सेप्टिक टैंक में गिरने से मौत हो गई है। चौंकाने वाली बात है कि सेप्टिक टैंक इलाके में ही स्थित संत सुजानसिंह इंटरनेशनल स्कूल का था और स्कूल का मल इसी सेप्टिक टैंक में गिरता था। मामला उत्तर पश्चिम दिल्ली के स्वरूप नगर इलाके का है, तो वहीं मृतक बच्ची की पहचान नंदिनी के रूप में की गई है। मंगलवार दोपहर नंदिनी अपनी मां के साथ स्कूल से लौट रही थी, जिस दौरान उसका पैर फिसल गया और वह तकरीबन 15 फुट गहरे सेप्टिक टैंक में डूब गई। नंदिनी की मां ने स्थानीय निवासियों की मदद से नंदिनी को बाहर निकालने की कोशिश भी की, लेकिन टैंक से बाहर आते आते नंदिनी की मौत हो चुकी थी। नंदिनी को टैंक से निकालकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी गई और स्वरूप नगर थाना पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी। पुलिस अधिकारियों ने मामला दर्ज करते हुए बताया कि स्वरूप नगर के सुशील वाटिका मनोज कॉलोनी में नंदिनी अपनी मां संजू देवी और पिता रंजीत शाह के साथ रहती थी। मूलरूप से बिहार के नवादा के रहने वाले रंजीत शाह की नंदिनी के अलावा भी तीन अन्य बच्चे हैं, जिनका नाम अंजली (8), आनंद (3) और नवजात बच्चा रौनक हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार दोपहर पुलिस को मामले की जानकारी मिली और जब तक पुलिस की टीम पहुंची, नंदिनी को अस्पताल ले जाया जा चुका था। फिलहाल, पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है। नंदिनी के पिता रंजीत शाह ने बताया कि वह ऑटो रिक्शा चलाते हैं और जब उनको घटना की जानकारी मिली, तो वह ऑटो चला रहे थे। वह जब तक शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल पहुंचे, नंदिनी की मौत हो चुकी थी। उनकी मानें तो दो दिनों बाद भी स्कूल प्रशासन ने अभी तक उनसे मुलाकात नहीं की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि टैंक पर मालिकाना हक सुजानसिंह स्कूल का सामने आया है, तो वहीं स्कूल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली है। उन्होंने बताया कि आवासीय इलाका होने के बावजूद सेप्टिक टैंक की न ही घेराबंदी की गई थी, तो वहीं न ही टैंक पर ढक्कर लगा हुआ था।
मृतक नंदिनी की मां संजू देवी ने बताया कि नंदिनी, अंजली और आनंद पास के ही एक सरकारी स्कूल में पढ़ते थे और प्रतिदिन पड़ोस के एक हमउम्र लडक़े के साथ स्कूल पढऩे जाते थे। रंजीत शाह सुबह पड़ोस के बच्चे सहित चारों भाईयों को ऑटो से स्कूल छोड़ देते थे, जिसके बाद पड़ोसी चारों बच्चों को दोपहर में बाईक से स्कूल से ले आता था। मंगलवार को पड़ोसी की मोटरसाइकिल खराब हो गई थी, जिसके बाद पड़ोसी के कहने पर नंदिनी की मां बच्चों को स्कूल से लेने चली गई। वापसी के दौरान संजू देवी का हाथ छुड़ाकर नंदिनी टैंक के किनारे चलने लगी, जिस दौरान उसका पैर फिसल गया और वह टैंक में गिर गई। नंदिनी की मां संजू देवी ने रोते हुए कहा कि रोज इसी रास्ते से उनकी बेटी स्कूल से वापस आती थी, लेकिन कोई दुर्घटना नहीं हुई। आज वह लेने गई और वह अपनी बेटी को बचा नहीं सकी। पड़ोसियों ने इसे नियति का लिखा बताते हुए कहा कि संजू देवी अपनी बेटी को बचाने के लिए खुद टैंक में कूद गई थी, लेकिन आस पास के लोगों ने उन्हें डूबने से पहले ही बचा लिया।