ग्वालियर । लोक सेवा प्रदाय गारंटी कानून के प्रावधानों के तहत जिन प्रकरणों में सेवा देने में विलम्ब हुआ है, उन सभी को स्वमेव अपील में लेकर जाँच करायें और विधिवत कार्रवाई कर संबंधित विहित अधिकारी पर अर्थदण्ड अधिरोपित करें। यह निर्देश कलेक्टर राहुल जैन ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि अर्थदण्ड का भुगतान संबंधित आवेदक को कराया जाए। कलेक्टर ने 16 अक्टूबर से पहले ऐसे सभी प्रकरणों में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बुधवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में जैन ने स्पष्ट किया कि लोक सेवा केन्द्रों के अलावा जनमित्र केन्द्र, संबंधित कार्यालय, शिविर अर्थात किसी भी खिड़की पर यदि ऐसा आवेदन प्राप्त होता है जो लोक सेवा गारंटी कानून की अधिसूचित सेवाओं में शामिल है तो उसका निराकरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर करना होगा। विभाग के पदाविहित अधिकारी ही इसके निराकरण के लिये जवाबदेह होंगे। कलेक्टर ने खासतौर पर नगर निगम के अपर आयुक्त को निर्देश दिए कि सभी जनमित्र केन्द्रों में प्राप्त होने वाले आवेदनों में लोक सेवा प्रदाय गारंटी कानून का कड़ाई से पालन करायें।
कलेक्टर ने भ्रष्टाचार में पकड़े गए और अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत तैयार करने की हिदायत भी संबंधित अधिकारियों को दी। उन्होंने कहा कि ऐसे शासकीय सेवकों की चार्जशीट तैयार करें, ताकि उन्हें दीर्घ शास्ति से दण्डित कराया जा सके। श्री जैन ने कहा कि शासन के प्रावधानों के तहत जिला स्तर पर भी अकर्यमण्य और दोषी शासकीय सेवकों को 20 – 50 वर्ष आयु के फार्मूले के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जायेगी।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीरज कुमार सिंह व अपर कलेक्टर शिवराज वर्मा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।