भोपाल। क्या आपको मालूम है कि दिल्ली में बहने वाली यमुना नदी मध्यप्रदेश की बेतवा नदी से भी मिलती है। देश की दो महत्वपूर्ण नदियों का यह अनोखा संगम खोजा है प्रदेश के पूर्व संभागायुक्त और प्रमुख सचिव श्रम विभाग से सेवानिवृत हुए आईएएस पुखराज मारू ने। उन्होंने हाल ही में बेतवा नदी पर की गई अपनी खोज पर एक किताब निकाली है, जिसमें नदियों के किनारे-किनारे बदल रहे सांस्कृतिक बदलावों को भी प्रदर्शित किया गया है। स्पेलेंडर्स ऑफ द बेतवा वैली हैरिटेज नाम की इस किताब में श्री पुखराज ने बेतवा नदी के उद्ïगम स्थल से लेकर उत्तरप्रदेश के हमीरपुर क्षेत्र तक की कहानी विस्तार से लिखी है। हमीरपुर वहीं स्थान है, जहां बेतवा और यमुना नदी का संगम होता है।
श्री मारू के अनुसार नदियों के किनारे लोगों की बसाहट सर्वाधिक होती है। ऐसे में संस्कृतियों में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर ही बदलाव देखने को मिलता है। वहां का रहन-सहन, बोलियां, धार्मिक आस्थाएं, तीज-त्यौहार के बदलाव भी उन्होंने पुस्तक में दर्ज किए हैं। किताब में बेतवा के रास्ते में पडऩे वाले मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के भोजपुर, रायसेन, विदिशा, बासौदा, सागर, ओरछा, तालबेट, माताटीला, झांसी और हमीरपुर का जिक्र है। किताब में उन्होंने इन जगहों में मिलने वाले ऐतिहासिक स्थलों की जानकारी भी दी है।