भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल में वर्ष 2017 में भोपाल के ही रहने वाले एक युवक दीपक (परिवर्तित नाम) की शादी नगीना (परिवर्तित नाम) नाम की एक लडकी के साथ हुई थी। दोनों की पूरी रीतिरिवाज और हंसीखुशी से शादी होकर दुल्हन अपनी ससुराल आई। सुहागरात की रात्रि को पति दीपक जब अपने कमरे में पहुंचा तो उसकी नई नवेली दुल्हन नगीना अपने पति से बिना शर्म किए बात करने लगी। दीपक को अपनी दुल्हन नगीना से अपेक्षा थी कि उसकी पत्नी घूंघट डाले बिस्तर पर बैठी होगी. शर्माएगी. दूध का ग्लास देगी. पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। जब दीपक ने कमरे के अंदर गया तो उसकी पत्नी घूंघट में नहीं थी. वो नगीना के पास पहुंचा. दीपक का दिल ही टूट गया क्योंकि वो शरमाई नहीं. सहज होकर उससे बात करने लगी. अब ये बात दीपक को इतनी बुरी लग गई की क्या बताएं। दीपक ने फिर कोई रश्मि नहीं निभाई और चादर ताने सो गया. पर इसके बाद से ही उसके मन में नगीना के लिए कडवाहट आ गई।
आज कम्प्यूटर, मांबाईल का युग है। देश के युवा 21वीं सदी में पहुंच गए हैं, लेकिन आज भी रुढिवादी विचारधारा के लोग है उनकी इतनी छोटी सोच हो सकती है। ऐसे लोग अपनी जिन्दगी से तो खिलवाड करते ही है। वो दूसरों की जिन्दगी भी नरक बना देते है जिसका उन्हें किसी भी तरह से अधिकारी नहीं है।

दो साल तक जैसे-तैसे उसने शादी निभाई. पर सुहागरात वाली बात उसके मन पर इतनी ्ज्यादा हावी हो गई कि उसने तलाक लेने का फ़फैसला किया. इसके लिए फैमिली कोर्ट में याचिका भी डाल दी. उसका कहना था कि नगीना का चरित्र ठीक नहीं है. उसके दूसरे पुरुषों से संबंध हैं। ये सुनकर जज ने दीपक की काउंसलिंग करवाई. इस दौरान पता चला कि दीपक ने फिल्में देखकर आइडिया लिया था कि सुहागरात कैसी होती है. पर असल में उसके साथ ऐसा नहीं हुआ. उसे उम्मीद थी कि उसकी पत्नी शर्माएगी. घूंघट डाले होगी. जब ये नहीं हुआ तो वो डिप्रेशन में आ गया. रिश्ता तोडने के लिए आतुर हो गया।

फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी की जब नगीना से बात की गई तो उसने बताया कि हमारी शादी 2017 में हुई थी. शादी के बाद उन्होंने बस मेरा घूंघट उठाया. इसके बाद वो काफी दूर-दूर रहने लगे. मैनें उनके मन की बात जानने के लिए काफी प्रयास किया. पर वो मुझसे बात करने के लिए तैयार नहीं थे. मुझे लगा उन्हें कोई शारीरिक दिक्कत है. पर अगर ऐसा है तो वो मुझसे बात तो करें।

जब काउंसलर ने यही सवाल दीपक से पूछा तो उसने कहा वो फिट है. उसे ऐसी कोई दिक्कत नहीं है. उसे दिक्कत अपनी पत्नी के रवैये से थी. पहली रात वो एकदम नहीं शरमाई. सहज थी. जब अर्जुन ने उसे छुआ तो भी वो झिझकी नहीं. ये सब साबित करता है कि उसका चरित्रहीन है. इसलिए वो दूर रहने लगा।

ये बातें जब कोर्ट को पता चलीं तो उसने पति की और काउंसलिंग करवाने का फैसला लिया है. तलाक की अर्जी पर फिलहाल सोच-विचार हो रहा है।

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