जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को त्राल के मिदूरा में आतंकियों ने सुरक्षाबलों के ठिकानों पर अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया। इस हमले में एक सुरक्षाकर्मी घायल हो गया, जो कि बाद में शहीद हो गया। पूरे मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि रविवार को कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मार गिराया गया। इस दौरान मुठभेड़ की जगह पर हुए धमाके की वजह से सात नागरिकों की मौत हो गई। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षाबलों द्वारा कुलगाम में एक गांव को घेरने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई। कई घंटे तक चली मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी मारे गए। पुलिस सूत्रों ने मामले में नया ऐंगल सामने रखा है। उनके मुताबिक सुरक्षाबल जब चीजों को वहां से हटा रहे थे तो मुठभेड़ स्थल को घेरकर खड़ी भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। इसके चलते सुरक्षाबल आंशिक रूप से पीछे हटे तो भीड़ मारे गए आतंकियों के बचे हथियारों और गोला-बारूद को लेने के लिए पहुंच गई।
पुलिस की नहीं माने लोग, बढ़ती गई भीड़
पुलिस के मुताबिक नागरिकों से कई बार आग्रह किया गया था कि जब तक इसे सुरक्षित स्थान घोषित नहीं किया जाता तब तक वे मुठभेड़ स्थल से दूर रहें, इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गए। उधर, अलगाववादियों ने घाटी में लोगों से सोमवार को विरोध-प्रदर्शन और हड़ताल का आह्वान किया है। धमाके के बाद मौके पर पहुंचे सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने तत्काल घायलों को वहां से निकाला।
मारे गए आतंकियों की हुई पहचान
मारे गए आतंकवादियों की पहचान शोपियां निवासी शाब्दिल अहमद (जो जुलाई 2018 में आतंकवाद से जुड़ा था), कुलगाम निवासी जुबैर अहमद (मई में आतंकवाद से जुड़ा) और बिजबेहरा निवासी याजिल अहमद मुखरू के रूप में हुई है जो इस साल जून में आतंकवाद से जुड़ा था।

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