नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार को अभी से तैयारी शुरू कर देने की गुरुवार को सलाह दी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने ऑक्सीजन की आपूर्त्ति को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान कहा कि लोगों में ऑक्सीजन की कमी को लेकर कोई दहशत न फैले, इसके लिए जरूरी है कि तीसरी लहर के आने से पहले ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाया जाये।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने तीसरी लहर की आशंका को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से कहा कि तीसरी लहर के तौर पर कोरोना की भयावह स्थिति से निपटने के लिए देश स्तर पर एक योजना बनायी जाये। न्यायालय ने कहा, ‘‘तीसरी लहर से निपटने के लिए आज ही तैयारी शुरू कर दीजिए। उस वक्त बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं, वैसी स्थिति में आप क्या करेंगे? बच्चों के टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।’’ न्यायालय ने तीसरी लहर से निपटने के लिए बुनियादी संरचना दुरुस्त करने के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रवेश सह पात्रता परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे छात्रों और नर्सों को लगाने की भी सलाह दी है।
केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर भी आएगी, लेकिन यह नहीं पता कि यह कब आएगी। यही नहीं उनका कहना था कि कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीन्स को भी नए स्ट्रेन के लिहाज से अपडेट किया जाना चाहिए।
विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी। उन्होंने कहा कि हमें नई लहरों के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की दूसरी लहर इतनी भीषण और लंबी होगी, इसका अनुमान नहीं लगाया गया था