नई दिल्ली । देश में पहली बार लेजर एक्टिव बाड़ यानी फेंस लगाई गई हैं। आज केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू क्षेत्र में पाकिस्तान से लगी सीमा पर 5-5 किलोमीटर के दो क्षेत्रों में ‘स्मार्ट फेंस’ पायलट परियोजना का उद्घाटन किया। इस दौरान गृह मंत्री के सामने इस अर्द्धसैनिक बल के वरिष्ठ अफसर स्मार्ट फेंस का संचालन करके दिखाया। बता दें कि इस तकनीक का इस्तेमाल सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) करेगा।
जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो हिस्सों में अपनी तरह का यह पहला हाईटेक सर्विलांस सिस्टम तैयार किया गया है। इसकी मदद से जमीन, पानी और हवा में एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक बैरियर होगा, जिससे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को घुसपैठियों को पहचानने और मुश्किल इलाकों में घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।
कई उपकरणों का इस्तेमाल
स्मार्ट फेंस में सतर्कता, निगरानी, संचार और डाटा स्टोरेज के लिए कई उपकरणों का इस्तेमाल होता है। सेंसर जैसे थर्मल इमेजर, अंडरग्राउंड सेंसर, फाइबर ऑप्टिकल सेंसर, रडार और सोनार आदि उपकरण स्मार्ट फेंस में विभिन्न स्थानों जैसे एयरोस्टैट, टावर और खंभों पर लगे होते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इस नई प्रणाली से चौबीसों घंटे सीमा की निगरानी की जा सकती है। मौसम कैसा भी हो, धूल भरी आंधी, धुंध या बरसात निगरानी में कोई दिक्कत नहीं आएगी। महानिदेशक केके शर्मा ने पहले बताया था कि भविष्य में स्मार्ट फेंस पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी 2,400 किमी तक की भारतीय सीमा को पूर्णत: सुरक्षित करने के लिए लगाई जाएगी।
भारत में पाकिस्तान और बांग्लादेश से घुसपैठ और अवैध आव्रजन रोकने के लिए यह पहल एक समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआइबीएमएस) का हिस्सा है। मोदी सरकार ने दोनों देशों से लगी भारतीय सीमा को पूरी तरह से सील करने के लिए यह फैसला लिया है।
लेजर फेंस में अन्य उपकरण जोड़कर एक अदृश्य इलेक्ट्रानिक दीवार बनाई गई है। इस अत्याधुनिक बाड़ के सीसीटीवी फीड तत्काल बीएसएफ की एक चौकी को पहुंचेंगे। ताकि वह घुसपैठ के किसी भी प्रयास को तत्काल नाकाम कर दे। इन दो स्मार्ट फेंसों में पहली विदेशी है जबकि दूसरी भारतीय कंपनी की देन है।
ऐसे काम करेगी नई फेंस
स्मार्ट फेंस में थर्मल इमेजर, इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूडर अलार्म की सुविधा होगी। इससे एक अदृश्य जमीनी बाड़, हवाई निगरानी के लिए एयरशिप, नायाब ग्राउंड सेंसर लगा होगा जो घुसपैठियों की किसी भी हरकत को भांपकर सुरक्षा बलों को सूचित कर देगा।
सुरंग से घुसपैठ होगी नाकाम
सुरंग खोदकर भारतीय सीमा में घुसपैठ अब मुमकिन नहीं होगी। सुरंग, रडार और सोनार सिस्टम से सीमा पर नदी के किनारों को सुरक्षित किया जा सकेगा। कमांड और कंट्रोल सिस्टम सभी सर्विलांस उपकरणों से डाटा को रियल टाइम में रिसीव करेंगे।
सुरक्षा का नया पैमाना
घुसपैठ की पिछली घटनाओं को देखते हुए जम्मू के दो इलाकों को चुना गया है। इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इंट्रूजन डिटेक्टर्स जमीन और नदी के आसपास के क्षेत्रों में एक अदृश्य दीवार का काम करेंगे जबकि सोनार सिस्टम नदी के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को पकड़ लेगा। ऐरोस्टेट तकनीक आसमान में किसी भी हरकत पर नजर रखेगी। सुरंग के रास्ते घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए भूमिगत सेंसर लगातार निगरानी करेंगे।