ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में दूल्हा बारात लेकर शादी रचाने पहुंचा। अगवानी के बाद तय समय पर पंडित ने मंत्र पढ़े और दुल्हन के साथ सात फेरे और अन्य रस्में हो गईं। लेकिन विदाई के वक्त दुल्हन के सूटकेस में रखे दहेज के सामान को देखने की बात पर वर और वधु पक्ष में विवाद हो गया। नतीजा- शादी टूट गई। दुल्हन ने बारात लौटा दी। घटना 16 फरवरी की सुवह जीवाजी क्लब में हुई। क्लब के गेट-1 पर आयोजित शादी समारोह में पुलिस के पहुंचने के बाद दोनों पक्षों ने शादी तोड़ दी। दतिया की रहने वाली दुल्हन इंजीनियरिंग व एमबीए शिक्षित है और ग्वालियर में ही पैरा माउंट कंपनी में जॉब करती है, जबकि दूल्हा बीकॉम है और ग्वालियर के फालका बाजार में सेनेट्री की दुकान चलाता है। हंगामे के बाद शादी समारोह में पुलिस के पहुंचने पर दूल्हे के पिता ने खुदकुशी की धमकी भी दी, लेकिन फिर सामान व दहेज में मिले रुपए लौटाने की सहमति पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
दतिया के बड़ा बाजार निवासी ज्वेलर्स द्वारिका प्रसाद अग्रवाल सराफा व्यवसायी है। उनकी 4 बेटियां है। 3 लडकियों की शादी हो चुकी थी। सवसे छोटी बेटी शिवांगी की शादी फालका बाजार निवासी सुरेश अग्रवाल के बेटे प्रतीक के साथ तय हुई थी। शादी समारोह शुक्रवार की रात जीवाजी क्लब के गेट क्रमांक एक पर आयोजित किया गया। दुल्हन के पिता द्वारिका प्रसाद व दुल्हन शिवांगी ने बताया कि रात में फेरे व अन्य रस्में संपन्न होने के बाद शनिवार सुबह जब विदा की तैयारी की जा रही थी, तभी दूल्हे के पिता सुरेश ने दुल्हन की पेटी (सूटकेस) में रखे गहने व सामान दिखाने को कहा। इसको लेकर विवाद हुआ तो सुरेश समारोह से चले गए। बाद में दूल्हे ने उन्हें बुलाया। लेकिन बात नहीं बनी। दुल्हन शिवांगी और उसके पिता ने दहेज मांगने का आरोप लगाते हुए शादी तोड़ दी और कहा कि हमें ऐसे लोगों से रिश्ता नहीं रखना। यह सुनकर वर पक्ष ने हंगामा किया तो दुल्हन के परिजन ने ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस के सामने शिवांगी शादी तोड़ने पर अड़ गई। उसने वर पक्ष पर दहेज मांगने की एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने चलने की बात कही। स्थिति देखकर दूल्हा व उसके परिजन दुल्हन पक्ष को मनाने लगे। अंत में वर पक्ष ने दहेज में मिले रुपए व सामान लौटाने की सहमति दी और फिर दोनों पक्षों में शादी तोड़ने पर सहमति बनी। सीएसपी आरएन पचौरी ने कहा कि शादी समारोह में लेन-देन को लेकर विवाद की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। वधु पक्ष से रिपोर्ट लिखाने को कहा, लेकिन कोई रिपोर्ट लिखाने नहीं आया।
वर पक्ष की ओर से रुपयों की मांग की जा रही थी। मेरा कोई भाई नहीं हैं इसलिए मैं आसपास ही शादी करना चाहती थी। मेरी मां को डायबिटीज है, माता-पिता को परेशानी न हो इसलिए मैं चुप थी। शादी के बाद लड़के वाले कार की मांग भी करने लगे थे। प्रतीक ने मुझसे सैलरी के रूपए भी मांगे। इसलिए मैंने शादी तोड़ दी। -शिवांगी अग्रवाल, दुल्हन
शादी तय होने के बाद से लडके वाले रोज नई मांग कर रहे थे। विदाई के समय बेटी के सामान की पेटी दिखाने पर भी अड़ गए। इस पर बेटी ने कहा कि ये लोग अभी ये हाल कर रहे हैं तो आगे पता नहीं क्या करेंगे इसलिए शादी तोड़ दी। -द्वारिका प्रसाद अग्रवाल,दुल्हन के पिता
हमने कोई दहेज नहीं मांगा। लडकी वाले झूठ बोल रहे हैं। हमने विदाई के वक्त भी कुछ नहीं मांगा। हम तो उन्हें और रुपए दे देंगे। हम दुल्हन को साथ ले जाने के लिए तैयार हैं, वधु पक्ष उसकी विदा नहीं कर रहा है। -प्रतीक अग्रवाल, दूल्हा
मैंने कोई दहेज की मांग नहीं की। दुल्हन के सामान की पेटी में रखीं साडियां व जेवरात को देखने व गिनने के लिए दिखाने को कहा था, जिससे सामान का पता रहे। लेकिन हमें नहीं पता कि ऐसी क्या बात हो गई, जिससे दुल्हन और उसके पिता ने शादी तोड़ दी। ये लोग कुछ बताने को तैयार नहीं है। -सुरेश अग्रवाल,दूल्हे के पिता