इंदौर । कबीटखेड़ी में नगर निगम ने शहर का दूसरा बायोमिथनाइजेशन प्लांट बनाकर तैयार कर दिया है। इसे औपचारिक रूप से जल्द शुरू करने की तैयारी है। यहां गीले कचरे से रोजाना 600 किलो गैस बनाई जा सकेगी, जिसका इस्तेमाल सीएनजी से संचालित होने वाली सिटी बसों के लिए हो सकेगा। प्लांट के निर्माण पर निगम ने लगभग सवा छह करोड़ रुपए खर्च किए हैं और यह डेढ़ एकड़ जमीन पर बनाया गया है। प्लांट का उपयोग जरूरत के मुताबिक खाद बनाने में भी हो सकेगा।

इससे पहले निगम चोइथराम मंडी में बायोमिथनाइजेशन प्लांट बना चुका है, जहां गीले कचरे से खाद, बिजली और गैस सफलतापूर्वक बनाई जा रही है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अलावा देश-विदेश से इस प्लांट के लिए निगम को तारीफ मिल चुकी है। इसी के बाद निगम ने कबीटखेड़ी ट्रीटमेंट प्लांट के पास बायोमिथनाइजेशन प्लांट बनाने का फैसला लिया था। इससे इस क्षेत्र के आसपास कॉलोनियों से पैदा हो रहे गीले कचरे का निपटान मौके पर ही किया जा सकेगा। अब तक इलाके का कचरा एमआर-10 स्थित कचरा ट्रांसफर स्टेशन से ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजना पड़ता है। वहां कचरे से खाद बनाई जाती है। कबीटखेड़ी प्लांट बनने से कचरा परिवहन के लिए ज्यादा दूरी नहीं तय करना पड़ेगी। वहीं इससे ट्रेंचिंग ग्राउंड पर भी दबाव कम होगा। प्लांट का काम लगभग पांच महीने पहले शुरू हुआ था।

निगम के आधिकारिक सूत्र बता रहे हैं कि आला स्तर पर कार्यक्रम तय कर जल्द ही प्लांट की औपचारिक शुरुआत करने की तैयारी है। फिलहाल प्लांट में लगाई गई मशीनों की टेस्टिंग आदि की जा रही है। निगम के अपर आयुक्त रोहन सक्सेना ने बताया कि प्लांट शुरू होने के लिए तैयार है। महापौर मालिनी गौड़ और निगमायुक्त आशीष सिंह से अनुमति लेकर जल्द ही प्लांट के औपचारिक लोकार्पण का दिन तय करेंगे।

नॉनवेज वेस्ट से गैस बनाने का प्लांट अगले साल तक होगा शुरू

नॉनवेज (मांस, मछली) वेस्ट से गैस बनाने वाला प्रदेश का पहला प्लांट इंदौर में स्थापित किया जा रहा है। निगम ने पीपल्यापाला रीजनल पार्क में बनने वाले प्लांट की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और कंपनी को काम सौंपा जा चुका है। अक्टूबर में काम शुरू हो जाएगा। अपर आयुक्त ने बताया कि अक्टूबर में प्लांट का काम शुरू होगा। इसके निर्माण पर निगम 8.85 करोड़ रुपए खर्च करेगा। काम शुरू होने के छह महीने में प्लांट तैयार करने की योजना है। अभी शहर में रोज करीब 10 टन नॉनवेज वेस्ट पैदा होता है, जिसकी प्रोसेसिंग इस प्लांट में हो सकेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *