लोकसभा चुनाव 2019 के खत्म होने के साथ ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए के एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है. नई सरकार बनने के बाद उनके वेतन में बढ़ोतरी की जा सकती है. सरकारी पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कुछ प्रोत्साहन राशी और भत्ते में बढ़ोतरी की घोषणा कर चुकी है. ऐसे में लंबे समय से न्यूनतम वेतन वृद्धि की लंबित मांग को सातवें वेतन आयोग के तहत नई सरकार संज्ञान में ले सकती है.

बता दें कि सरकारी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन में वृद्धि की उम्मीद चुनाव से पहले हुई कैबिनेट बैठक में जगी थी, लेकिन आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह से केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए कोई घोषणा नहीं की थी. केंद्र सरकार के कर्मचारी 18,000 रुपये से 26,000 रुपये तक के न्यूनतम वेतन वृद्धि की मांग कर हैं.

अब सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद फिर से जगी है कि नई सरकार के गठन के बाद उनकी मांगों का संज्ञान लिया जाएगा. कई अधिकारियों से इस बारे में बात भी की गई. उनसे पूछा गया कि मूल न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी के मुद्दे पर क्या रुझान होने की उम्मीद है. उनका कहना है कि अगले साल यह रुझान सकारात्मक रहेगा. उनका कहना है कि हाल ही में सरकार ने अधिक केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को वेतन वृद्धि उनके काम के आधार पर देने का फैसला लिया है. इसके अलावा वेतन वृद्धि अलग-अलग फेज में की जाएगी. सरकारी कर्मचरियों की सैलरी को अलग-अलग फेज में बढ़ाया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक, करीब 9 लाख केंद्रीय कर्मचारियों का बढ़ाया जा सकता है. यह वृद्धि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी), भारतीय रेलवे कर्मचारियों, आईटीएस और उन लोगों के लिए लागू होगी जो BSNL की प्रतिनियुक्ति पर हैं.

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