भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की चेन ब्रेक करने का एकमात्र तरीका यही है कि जहां संक्रमण है उसे वहीं रोकना होगा। गांव गांव, मोहल्ले मोहल्ले, गली गली में जहां भी संक्रमण हो माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाएं तथा कोरोना को वहीं रोक दें। साथ ही ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना संक्रमण नहीं है, वहां बाहर से आने-जाने वालों पर सख्ती की जाए, जिससे कि वहाँ संक्रमण प्रवेश नहीं कर पाए।
मुख्यमंत्री चौहान आज निवास से कोरोना नियंत्रण कोर ग्रुप की बैठक में कहा कि घर-घर सर्वे कर सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों की पहचान की जाए तथा उन्हें मेडिकल किट देकर इलाज प्रारंभ कराया जाए। प्रारंभ से ही दवाई दिए जाने से मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे। इसके लिए गांवों में एवं शहरों में अभियान चलाया जाए। शहरों में कोरोना सहायता केंद्र बनाए जाएं, जहां से आसानी से मेडिकल किट उपलब्ध हो सके।
चौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को मेडिकल किट एवं मार्गदर्शिका प्रदाय की जाए तथा इलाज के संबंध में प्रतिदिन डॉक्टर उनसे बात कर उन्हें सलाह दें। जिन मरीजों के घर में जगह कम है उन्हें कोविड केअर सेंटर्स में रखा जाए। कोविड केअर सेंटर्स में इलाज के साथ ही भोजन आदि की भी अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
होम आइसोलेशन व्यवस्था को परफेक्ट बनाया जाए। इस बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नए प्रकरणों की तुलना में अधिक मरीज स्वस्थ होकर घर जा रहे हैं, इससे प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या में निरंतर कमी आ रही है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 12652 नए मरीज आए वही 13890 मरीज स्वस्थ हुए।
प्रदेश में कोरोना सक्रिय के मरीजों की संख्या 87179 हो गई है। प्रदेश की रिकवरी रेट 84.2 प्रतिशत तथा मृत्यु दर 1 प्रतिशत है। संक्रमण की दृष्टि से प्रदेश देश में 14वें स्थान पर है। बैठक में जिलेवार समीक्षा में पाया गया कि प्रदेश के 18 जिलों में 200 से अधिक कोरोना के नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 1821, भोपाल में 1678, ग्वालियर में 1072, जबलपुर में 731 रीवा में 346, बैतूल में 328, रतलाम में 325, शिवपुरी में 276, दमोह में 268, उज्जैन में 262, सतना में 257, पन्ना में 249, धार में 233, सागर में 222, सिंगरौली में 216 अनूपपुर में 212, सीहोर में 212 तथा विदिशा में 209 नए प्रकरण आए हैं।