भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से भोपाल पहुंचे, एयरपोर्ट में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से वे सीधे शौर्य स्मारक का लोकार्पण करने लाल परेड मैदान के लिए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री शिवराज के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। प्रधानमंत्री जैसे ही मंच पर संबोधन के लिए पहुंचे, पूरा लाल परेड ग्राउंड मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा। वहीं प्रधानमंत्री ने यहां सबसे पहले लाल परेड ग्राउंड में मौजूद लोगों से ‘शहीदों… अमर रहे’ के नारे लगवाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सैन्य बल मानवता की बड़ी मिसाल है। राष्ट्र की सुरक्षा के साथ मुसीबत में फंसे लोगों की सेवा करना भी भारत के जवान अपना धर्म समझते हैं। उन्होंने दो साल पहले जम्मू कश्मीर में आई भीषण बाढ़, केदारनाथ, बदरीनाथ में सेना द्वारा किए गए साहसिक कार्य का उल्लेख किया।

पीएम ने आतंकवाद पर कहा कि आतंकवाद ने भयंकर रूप ले लिया है. पश्चिम एशिया आतंकवाद से घिरा हुआ है. सेना ने यमन में हजारों लोगों को बचाया. हमारी सेना पाकिस्तान के लोगों को भी बचाकर लाई. हमने कभी किसी देश को हड़पने के लिए युद्ध नहीं किया. कभी जमीन के लिए झगड़ा नहीं किया. हमारी सेना मानवता के मूल्यों से कभी पीछे नहीं हटी. सैनिकों ने अपनी जवानी खपा दी. दोनों विश्व युद्धों में हमारी सेना ने योगदान दिया. दो विश्व युद्धों के दौरान 1.5 लाख भारतीय सैनिकों से लड़ाई लड़ी और अपनी जान गंवाई. विश्व को यह कभी नहीं भूलना चाहिए. सेना का सबसे बड़ा शस्त्र मनोबल है. सेना बोलती नहीं, पराक्रम करती है. वैसे ही हमारे रक्षा मंत्री भी नहीं बोलते. पीएम ने कहा कि पहले मेरे रोज बाल नोचते थे कि मोदी कुछ करता नहीं.

पीएम ने कहा कि हमने वन रैंक, वन पेंशन का वादा पूरा किया. इसे हम चार किश्त में पूरी तरह वितरित कर देंगे. हमारे सैनिकों ने कभी OROP के लिए झगड़ा नहीं किया. पहले हवलदार को 4090 रुपये मिलते थे, अब 7600 रुपया मिलता है. तेजी से सैनिकों की समस्याएं सुलझा रहे हैं. रिटायर फौजियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए. स्किल डेवलेपमेंट सर्टिफिकेट देने की शुरुआत.

‘देश में शौर्य की कमी नहीं’
इस मौके पर पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री भी हैं. मनोहर पर्रिकर ने यहां सर्जिकल स्ट्राइक पर कहा कि 29 सितंबर को जवानों ने शौर्यता की एक और मिसाल कायक की. शौर्य स्मारक के लिए सरकार का अभिनंदन. देश में शौर्य की कमी नहीं है.

ये भी कहा प्रधानमंत्री मोदी ने

– जहां ड्यूटी लगाते हैं, वहां जान लगा देते हैं जवान

– विश्व के पीस मिशन में भारतीय सैनिकों के योगदान ज्यादा।

– यमन में फंसे भारतीय नागरिकों को हमारी सेना ने बचाया।

– भारतीय सेना पाकिस्तानी नागरिकों को भी बचाकर लाई।

– पहले और दूसरे विश्वयुद्ध से भारत का कोई लेना-देना नहीं था।

– लेकिन दोनों युद्ध में 1.5 लाख भारतीय जवान शहीद हो गए।

– पूरा विश्व भारतीय सैनिकों को बलिदान का भुला देता है।

– भारतीय सैनिकों ने जब जरूरत पड़ी, अपना पराक्रम दिखाया।

– हमारे पूर्वजों ने जमीन के लिए कभी झगड़ा नहीं किया है।

– देश के लोग चैन से सो जाएं, तो सेना को सुकून मिलता है।

– जैसे हमारी सेना बोलती नहीं, पराक्रम दिखाती है, वैसे हमारे रक्षा मंत्री भी बोलते नहीं है।

– पूर्व सैनिकों को सातवें वेतनमान से ज्यादा फायदा मिला।

– रिटायर होने वाले सैनिकों को स्क्लि डेवलपमेंट ट्रेनिंग दी जाएगी।

– हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का वादा पूरा किया।

– ये शौर्य स्मारक सभी देशवासियों के लिए तीर्थ स्थल है।

– यह शौर्य स्मारक आने वाली पीढ़ियों ने प्रेरणा स्थल रहेगा।

रक्षा मंत्री पर्रिकर ने की प्रशंसा
शौर्य सम्मान सभा और पूर्व सैनिक सम्मेलन मोदी के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी आए। पर्रिकर मंच से संबोधित करते हुए कहा कि शौर्य स्मारक बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की।

शहीदों के अभिभावकों के लिए 5 हजार रुपए पेंशन की घोषणा
इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शौर्य स्मारक के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भोपाल आना गौरव की बात है। शिवराज ने कहा कि ये साधारण आम सभा नहीं है बल्कि शौर्य सम्मान सभा है। शिवराज ने शहीद सैनिकों के माता-पिता को प्रति माह पांच हजार रूपए पेंशन देने की घोषणा की। इसके अलावा पूर्व सैनिकों को जीवन यापन के लिए जमीन देने की भी घोषणा की।

ऐसा है शौर्य स्मारक – जीवन-मृत्यु, युद्ध-शांति, मोक्ष-उत्सर्ग जैसे अनुभवों को को सरल, सहज तरीके से आर्किटेक्ट के जरिए दर्शाने का प्रयास किया गया है। स्थलाकृतियां के माध्यम से लैंडस्केपिंग कर आकार, रंग-रूप और तकनीक का रोचक ताना-बाना बुना गया है।

शौर्य स्तम्भ – 62 फीट ऊंचा स्तम्भ, एक सैनिक के जीवन को दर्शाता है। स्तम्भ की ग्रेनाइट डिस्क इसका वर्णन करती है। पृथ्वी (आर्मी), जल (नौसेना) तथा वायु (वायुसेना) के काले ग्रेनाइट स्तम्भ की संगीनता, जल-स्रोत एवं श्वेत ग्रेनाइट पेडेस्टल के हल्केपन के रूप में दर्शाया गया है।

अनंत ज्योत – शहीदों के सम्मान में अनन्य ज्योत को एक अत्याधुनिक होलोग्राफिक लौ के माध्यम से दर्शाया गया है।

मातृभूमि को नमन – स्मारक में नमस्कार की मुद्रा वाला करीब 20 फीट ऊंचा और 15 फीट चौड़ा साइनेज लगाया है।

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