ग्वालियर। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय भारतीय बाल अकादमी के साथ समन्वय रखेगा। भारतीय बाल अकादमी के कार्यक्रम देश के बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति है। उन्होंने भारतीय बाल अकादमी के पदाधिकारियों से अनुरोध भी किया कि नवजात शिशु, मृत्युदर अण्डर पांच मृत्युदर, कुपोषण सहित अन्य समस्याओं से लडऩे में वह सरकार के साथ और अधिक सहयोग करें।
उक्त उदगार डॉ. हर्षवर्धन ने विगत दिवस भारतीय बाल अकादमी के प्रतिनिधि मंडल से नई दिल्ली निर्माण भवन में स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात के वक्त व्यक्त किये। प्रतिनिधि मंडल में आईएपी के पूर्व अध्यक्ष एवं साउश एशिया बाल अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. बंसल तथा भारतीय बाल अकादमी के अध्यक्ष डॉ. विजय येवाले सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस चर्चा के दौरान प्रतिनिधि मंडल के सदस्य केन्द्रीय मंत्री के विचारों से खासे उत्साहित थे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भारतीय बाल अकादमी द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी से काफी प्रभावित हुये। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश में टीकाकरण, कुपोषण, नवजात शिशु मृत्युदर, पांच वर्ष से कम आयु की मृत्युदर डायरिया, निमोनिया आदि पर गंभीर चिंता जताते हुये भारतीय बाल अकादमी द्वारा किये जा रहे प्रयासों को सराहा एवं भविष्य में सरकार की तरफ से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
इस मौके पर डॉ. सी.पी. बंसल ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि भारतीय बाल अकादमी 2013 से पांच वर्ष से कम आयु की मृत्युदर के कमी के लिये आईएपी मिशन उदय, किशोरवय के लिये आईएपी मिशन किशोर उदय, समाज के लिये आईएपी वेसिक लाइफ सपोर्ट, पैरामेडिकल स्टॉफ के लिये आईएपी टच प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं। इस समस्त कार्यक्रमों को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भरपूर सराहा। इन कार्यक्रमों में केन्द्रीय सरकार की भागेदारी एवं सहयोग की संभावनाओं के लिये मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित भी किया। इस मौके पर डॉ. येवाले ने बताया कि आगामी 29 जुलाई 2014 को बिलासपुर में भारतीय बाल अकादमी दस हजार बच्चों के साथ ओआरएस एवं जिंक दिवस मना रही है। केन्द्रीय मंत्री ने प्रभावित होकर तुरंत इस कार्यक्रम को केन्द्रीय सरकार के पूर्ण सहयोग की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि वह जल्दी ही भारतीय बाल अकादमी के कार्यक्रम में शिरकत करने ग्वालियर भी आएंगे।