भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान के अस्पताल से वापस आते ही मंत्रियों को उनके प्रभार का जिला दे दिया जाएगा। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आकर मंत्री बने नेताओं को उनके जिले का ही प्रभार चाहिए। इनमें से अधिकांश को उनके जिलों का भी प्रभार दिए जाने की सुगबुगाहट है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के प्रभार के जिलों को लेकर अपना होमवर्क पूरा कर लिया है। वे जल्द ही मंत्रियों को अपने प्रभार के जिलों का ऐलान कर देंगे। इन मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में पहला सार्वजनिक कार्यक्रम स्वतंत्रता दिवस पर हो सकता है। इसलिए 15 अगस्त से पहले मंत्रियों को जिले का प्रभार दे दिया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इलाज के दौरान अस्पताल से मंत्रियों के साथ की वर्चुअल मीटिंग के दौरान भी जिलों के प्रभार जल्द दिए जाने की बात की थी। सूत्रों की मानी जाए तो प्रभार वाले जिलों के लिए फार्मूला तैयार किया गया है। जिससे जरिए उपचुनाव के मैदान में उतरने वाले अधिकांश मंत्रियों को उनके जिले का ही प्रभार दिया जाएगा। मुरैना-ग्वालियर से दो-दो मंत्री हैं, ऐसे में इन जिलों के मंत्रियों से आपस में समन्वय कर यह निर्णय लिया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल के अधिकांश जिलों का प्रभार उन मंत्रियों को ही दिया जाएगा, जिन्हें उपचुनाव लड़ना है।

ऐंदल सिंह कंसाना सुमावली विधानसभा क्षेत्र और गिर्राज दंडोतिया दिमनी से चुनाव लड़ेंगे दोनों ही मुरैना जिले से आते हैं। भिंड की मेहगांव सीट से मंत्री ओपीएस भदौरिया चुनाव लड़ेंगे। ग्वालियर सीट से प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ इसी जिले की डबरा सीट से इमरती देवी चुनाव मैदान में होंगी। शिवपुरी जिले की पोहरी सीट से सुरेश धाकड़,  गुना जिले की बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया, अशोक नगर जिले  की मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव, सागर जिले  के सुरखी क्षेत्र से गोविंद सिंह राजपूत, रायसेन जिले की सांची सीट से प्रभुराम चौधरी, मंदसौर जिले के सुवासरा से हरदीप सिंह डंग, इंदौर जिले के सांवेर से तुलसी सिलावट, अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह और राजवर्धन सिंह दत्तीगांव धार जिले की बदनावर सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं।

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