तीन दिन दौरे पर मप्र आये भाजपा प्रमुख द्वारा हर मंच पर शिव की तारीफ को उनके अभयदान के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि किसान आंदोलन सहित तमाम घोटाले उजागर होने से मुख्यमंत्री बदलने जैसी अफवाहें शिव के लिए सिरदर्द बन गई थी। लेकिन हर मंच पर शिव के कामों की तारीफ ने उन्हें गदगद कर दिया।
इस दौरे ने 2018 का आइना भी साफ कर दिया कि चेहरा कौन होगा। शाह की सार्वजनिक घोषणा ने तमाम अफवाहों को अफवाह के रूप में ही धो डाला। अगली सरकार बनाने के लिए शिव फ्री हैण्ड के साथ जुटेंगे इसका भी संकटमोचक के सहारे स्वप्न साकार करेंगे। परंतु शाह के दौरे ने राज्य के लिए एक मैसेज भी दिया कि काम करने वाले को तबज्जो मिलेगी, वही बेकारों की छुटटी। अब अभयदान से शिव गदगद है और शाह की ससम्मान राज्य से विदाई के काम में जुट गये है।