राजगढ़। देश की रक्षा में आतंकवादियों की साजिश में शहीद होने वाले राजगढ़ के लाल मनीष कारपेंटर को अंतिम विदाई देने के लिए जनसैलाब उमड़ा। भोपाल से जैसे ही मनीष के पार्थिव देह को लेकर आर्मी के विशेष वाहन और साथ के काफिले ने जिले की सीमा में प्रवेश किया तो हर नगर, कस्बे, गांव में लोग स्वागत की तैयारी में खड़े थे। कहीं फुट ओव्हर ब्रिज पर लोग जमा थे तो कहीं रोड के आस-पास कतार बनाकर पुष्प अर्पित करने लोग जमा थे। जिस शहर, जिस गांव और जिस भी नगर से मनीष का पार्थिव देह गुजरा वहां के लोगों की आंखें नम हो गईं। राष्ट्र भक्ति का जज्बा लोगों में इस तरह जागा कि सुबह से लेकर शाम तक लोग मनीष के लिए डटे रहे। जहां भी स्वागत हुआ वहीं से लोग काफिले के साथ निकल लिए।
लालघाटी से रवाना होने के बाद काफिला श्यामपुर, दोराहा चौराहा, कुरावर, नरसिंगढ़, छोटा बैरसिया, बोड़ा, मंडावर, पचोर और खुजनेर… जहां भी पहुंचा जगह-जगह आतिशबाजी और स्वागत तो हुआ ही लेकिन जितने भी लोग रास्ते में मिले उन्होंने वहीं से सेल्यूट किया। गांवों में लोग फूल हाथों में लिए खड़े थे, किसान खेतों से ही काम छोडक़र मनीष के पार्थिव देह को सेल्यूट कर रहे थे। राहगीर भी साइड में खड़े हुए थे और सलाम करने लगे।
करीब 10 हजार से अधिक लोगों के साथ काफिला विभिन्न नगर, गांवों से होता हुआ खुजनेर पुहंचा। करीब दो दिन पहले ही सूचना मिल जाने के बाद तमाम तरह की तैयारियों में प्रशासन जुटा था लेकिन उन्हें भी इस बात का अनुमान नहीं था कि इतने लोग जमा होंगे। पचोर, मिट्ठनपुर से खुजनेर के बीच तो स्थिति यह थी पूरे मार्ग पर लोग जमा थे। संकरे नगर खुजनेर की हर गली, छतों पर लोगों की भीड़ जमा थी जहां जिलेभर से आए लोग मौजूद थे।
राजगढ़ के आर्मी मैन शहीद मनीष के पार्थिव शरीर के जिले में प्रवेश करते ही लोग अंतिम दर्शन के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े। भारत माता की जय और वीर मनीष अमर रहें के नारे गूंज उठे। मनीष के पार्थिव शरीर को आर्मी ट्रक में सुबह 9 बजे भोपाल से राजगढ़ के लिए रवाना किया गया है। इससे पहले भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धांजलि दी और उनके परिजन को एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि और एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की।