भोपाल। प्रदेश में डेयरियों को अब शहरों से बाहर किया जाएगा। इसके लिए उन्हें शहर से दस किलोमीटर के दायरे में प्लॉट विकसित कर 10 प्रतिशत प्रीमियम पर 30 साल के पट्टे पर दिए जाएंगे। वार्षिक भू-भाटक में भी 90 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

यह फैसला मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। इसके अलावा विश्वविद्यालयों के पेंशनरों को जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन दी जाएगी। इस फैसले का लाभ 12 सौ से ज्यादा पेंशनरों को मिलेगा। सरकार ने अप्रैल 2014 से इन्हें छठवां वेतनमान दिया था, जिसके खिलाफ कई लोग कोर्ट गए थे।

मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि पिछली बैठक में 18 हजार शिक्षकों के हित में सरकार ने फैसला किया था। मंगलवार को विश्वविद्यालयों के पेंशनरों के पक्ष में निर्णय हुआ है। इसके मुताबिक अब पेंशनरों को एक जनवरी 2006 से छठवां वेतनमान दिया जाएगा। एक जनवरी 2006 से एक अप्रैल 2014 के बीच का एरियर दिया जाएगा। बैठक में शहरों से डेयरी विस्थापन को लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सभी शहरों से डेयरियों को विस्थापित किया जाएगा।

इसके लिए राजस्व विभाग शहर से 10 किलोमीटर के दायरे में जमीन उपलब्ध कराएगा। नगरीय निकाय इसे विकसित करेंगे। पशुओं की संख्या के हिसाब से डेयरी के लिए प्लॉट आवंटित होगा। ये 10 प्रतिशत प्रीमियम पर दिए जाएंगे। पट्टा 30 साल का होगा और वार्षिक भू-भाटक सिर्फ दस प्रतिशत लगेगा। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने भोपाल सहित सभी शहरों में यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।

डेढ़ सौ हार्सपॉवर के पॉवरलूम भी सबसिडी के दायरे में

एक अन्य फैसले में पॉवरलूम बुनकरों को बड़ी राहत देते हुए रियायती दर पर दी जाने वाली बिजली के दायरे में 25 हार्सपॉवर से बढ़ाकर 150 हार्सपॉवर की यूनिट को लाने का फैसला किया है। सबसिडी की राशि भी 70 से बढ़ाकर 90 करोड़ रुपए करने की मंजूरी दी गई। महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने बताया कि बुनकरों के हित में सरकार का यह बड़ा कदम है। इससे लगभग दस हजार नए पॉवरलूम लगेंगे। इससे रोजगार के मौके बढ़ेंगे। कैपिटल सबसिडी भी मिलेगी।

मेसर्स छिंदवाड़ा डेवलपर्स को 54 हेक्टेयर जमीन

कैबिनेट ने छिंदवाड़ा के सौंसर में एसईजेड के लिए मेसर्स छिंदवाड़ा प्लस डेवलपर्स लिमिटेड को परियोजना के लिए 54 हेक्टेयर जमीन आवंटित करने का फैसला किया है। यह जमीन 2010-11 की गाइडलाइन पर 1 करोड़ 94 लाख रुपए और उस पर साढ़े सात प्रतिशत की दर से वार्षिक भू-भाटक 14 लाख 59 हजार रुपए लेकर दी जाएगी। इसके अलावा कंपनी को लगभग 29 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को देने की छूट भी दी गई।

सरकार लगातार हार रही है, मंत्री देखें

सूत्रों के मुताबिक बैठक में जब विश्वविद्यालय के पेंशनरों को एरियर देने की बात चल रही थी, तब मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालतों में सरकार लगातार हार रही है। कर्मचारियों को कोर्ट जाने की नौबत ही नहीं आनी चाहिए। विभाग के स्तर पर निर्णय जल्दी-जल्दी होने चाहिए। मंत्री भी कोर्ट से जुड़े मामलों को देखें। वहीं, जब मुख्यमंत्री ने पूछा कि एरियर की राशि कहां से देंगे तो वित्त विभाग के अधिकारियों ने कहा कि अनुदान सरकार ही देगी।

कैबिनेट के अन्य फैसले

– उद्योग एवं रोजगार संचालनालय की सभी योजनाओं को एक करते हुए अगले तीन साल के लिए 2 हजार 195 करोड़ रुपए से ज्यादा की मंजूरी। इससे नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के साथ मौजूदा क्षेत्रों में उन्न्यन के काम किए जाएंगे।

– नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना और राज्य स्तरीय कॉरीडोर के तहत औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए परियोजना लागत में 40 प्रतिशत हिस्सा अनुदान, 50 प्रतिशत कर्ज और 10 प्रतिशत क्रियान्वयन संस्था का अंश रहेगा।

– एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड में अब 558 पद रहेंगे। इसमें 362 नियमित, 24 संविदा और 172 आउटसोर्स के पद शामिल हैं। जरूरत के हिसाब से भर्ती के लिए ऊर्जा विभाग को अधिकृत किया गया।

– पर्यटन गतिविधियों से जुड़ी 11 योजनाओं को एक करने की मंजूरी। टूरिज्म बोर्ड करेगा क्रियान्वयन। इन पर 54 करोड़ रुपए होंगे खर्च। तीन साल के लिए 200 करोड़ रुपए के प्रावधान को मंजूरी।

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