भोपाल ! मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की राज्य इकाई की सोमवार को हुई बैठक में मुस्लिम प्रतिनिधियों ने साफ कह दिया कि उन्हें शरीयत में केंद्र सरकार का दखल बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार तीन तलाक के मुद्दे को लेकर शरीयत में हस्तक्षेप की साजिश रच रही है। ज्ञात हो कि तीन तलाक के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। वहीं लॉ कमीशन ने यूनीफार्म सिविल कोड बनाने के लिए 16 सवालों की सूची जारी कर आम जनों से राय मांगी है। इस का मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड विरोध कर रहा है। इस बोर्ड के सदस्यों ने भोपाल में सोमवार को बैठक की।
बैठक के बाद दो प्रतिनिधियों मौलाना पीर सईद मियां और शहर काजी मस्ताक अली नदबी ने संवाददाताओं को बताया कि भारतीय संविधान सभी धर्मों के लेागों केा अपने तरीके से जीवन जीने की आजादी देता है, मगर चंद महिलाओं के न्यायालय में चले जाने से संविधान में मिली आजादी पर असर नहीं पड़ता। दूसरी ओर लाखों वे महिलाएं भी हैं जो शरीयत को मानती हैं।
उन्होंने आगे कहा कि तीन तलाक के नाम पर शरीयत में दखल करने की साजिश रची जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कॉमन सिविल कोड के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।

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