संसद में एक विवादित विधेयक पारित करके प्रधानमंत्री पद से हटाए गए नवाज शरीफ की राजनीति में वापसी का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है. मंगलवार को नवाज शरीफ को फिर से पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पीएमएल-एन का अध्यक्ष चुन गया है.

पनामा पेपर्स कांड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 28 जुलाई को अयोग्य ठहराये जाने के बाद पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. जन प्रतिनिधित्व कानून, 1976 के तहत अयोग्य ठहराया गया एक व्यक्ति पार्टी में पदाधिकारी के पद पर नहीं रह सकता है.

बहरहाल, शरीफ के पार्टी प्रमुख बनने की राह का यह रोड़ा उस वक्त हट गया जब नेशनल एसेम्बली ने विवादित इलेक्शन बिल, 2017 को पारित किया. इस विधयेक के मुताबिक, सार्वजनिक पद धारण करने के अयोग्य ठहराया गया व्यक्ति, राजनीतिक दल का प्रमुख रह सकता है.

संसद में पारित होने के कुछ ही घंटों के भीतर राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने इस विवादित विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिये थे. पीएमएल-एन नेता डॉक्टर तारिक फजल चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष के पद पर चुनाव के लिए शरीफ के दस्तावेज पाकिस्तान निर्वाचन आयोग को सौंपे. पार्टी से किसी अन्य उम्मीदवार ने पर्चा नहीं भरा था.

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