इंदौर। इंदौर कोर्ट द्वारा व्यापम कांड के मुख्य आरोपी डॉ पंकज त्रिवेदी की वैधानिक आय से अधिक 58.58 लाख की संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए है। विशेष जज आलोक मिश्रा की कोर्ट ने ये आदेश दिए।
जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि पंकज त्रिवेदी नियंत्रक/संचालक व्यापम भोपाल निवासी 257 विनय नगर इंदौर, के पिता मूल रूप से बांसवाडा राजस्थान के निवासी थे। बाद में वे रूपराम नगर इंदौर में निवास करने लगे। पंकज त्रिवेदी की शिक्षा इंदौर में हुई। पंकज त्रिवेदी दिनांक 10/11/1985 से 06/05/1985 तक तदर्थ व्याख्याता वाणिज्यक के पद पर उच्च शिक्षा विभाग मे कार्यरत रहा। दिनांक 04/06/87 को सहायक प्राध्यापक वाणिज्यक के पद पर नियमित रूप से पदस्थ हुआ तथा दिनांक 11/12/06 को प्राध्यापक के पद पर पदोन्नत हुआ। दिनांक 25/05/11 को प्रतिनियुक्ति पर तकनीकी शिक्षा तथा कौशल विभाग म.प्र. में म.प्र. व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल में नियंत्रक के पद पर पदस्थ हुआ और वही पर बाद में संचालक के पद पर भी पदस्थ किया गया।
अभियोजन की कहानी इस प्रकार है कि पंकज त्रिवेदी नियंत्रक/संचालक के विरूद्ध आय से अधिक अनुपातहीन संपत्ति भ्रष्टाचार कर एकत्रित करने की सूचना प्राप्त हुई थी, जिस पर से लोकायुक्त पुलिस द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त कर दिनाकं 29/01/2014 को इंदौर एवं भोपाल में डॉ. पकंज के निवास पर तलाशी की कार्यवाही की गई और अपराध धारा 13(1)ई, 13(2) पीसी एक्ट 1988 का पंजीबद्ध हुआ। काफी मात्रा में चल-अचल संपत्ति प्राप्त हुई।
पंकज त्रिवेदी एवं पत्नी अर्चना त्रिवेदी, पुत्र ईशान त्रिवेदी के नाम की चल-अचल संपत्ति को राजसात करने हेतु म.प्र. विशेष न्यायालय 2011 के अंतर्गत आवेदन विशेष न्यायाधीश एवं प्राधिकृत अधिकारी इंदौर के न्यायालय में 10/03/2017 को आवेदन पेश किया गया। संपत्ति राजसात कराने में शासन का पक्ष विशेष लोक अभियोजक महेन्द्र कुमार चतुर्वेदी द्वारा रखा गया। उक्त आवेदन की सुनवाई कर विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा साहब ने आज आदेश पारित किया जिसमें पंकज त्रिवेदी व अन्य की कुल राशि 58,48,260/- रूपये की चल-अचल संपत्ति अधिहरण योग्य पाते हुए, अधिहरित का आदेश पारित किया।