ग्वालियर। भिण्ड जिले के लहार और गोहद विकास खण्ड के दो लोगों की व्यापमं में नाम आने के बाद मौत हो चुकी है। लोगों को व उनके परिजनों को आशंका है कि उनकी मौत एक साजिश भी हो सकती है जो व्यापमं माफिया भी करा सकता है।
भिण्ड जिले के गोहद विकास खण्ड के ग्राम बिरखडी निवासी मृतक देवेन्द्र सिंह नागर के पिता आशाराम नागर 65 वर्ष व उसकी पत्नी श्रीमती मंजू नागर 30 वर्ष ने बताया कि देवेन्द्र नागर पीएसआई कंपनी में एनजीओ के माध्यम से अटेर में ओआरएस का वितरण करता था। 26 दिसंबर 2013 को वह अटेर से अपने घर बिरखडी आ रहा था तभी रास्ते में सोनेलाल का पुरा के पास सडक दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। देवेन्द्र की मौत के बाद एसटीएफ की टीम उसके घर आने लगी। जब वह जीवित था तो उसकी जानकारी लेने कभी कोई नहीं आया।
देवेन्द्र नागर की पत्नी मंजू के दो पुत्र है जिसमें योगेश नागर 9 वर्ष, आयुष नागर 5 वर्ष का भरण-पोषण ससुराल में रहकर कर रही है। मंजू के सास ससुर काफी वृद्ध है उनका, बच्चों का खर्च मंजू के पिता तुलाराम उठा रहे है।
देवेन्द्र के पिता आशाराम ने भोपाल से लौटकर बताया कि एसटीएफ भोपाल से उनके पास नोटिस आया था जिसमें उन्हें 29 जून को भोपाल बुलाया गया था। भोपाल पेशी में उनसे मृतक देवेन्द्र का मोबाईल की मांग की गई है। देवेन्द्र का मोबाईल सडक दुर्घटना में ही कहीं गंम हो गया। आशाराम का कहना है कि मेरे बेटे की मौत के बाद अब एसटीएफ के अधिकारी उनको व उसके परिजनों को बेमतलब में परेशान कर रहे है। उन्होंने बताया अब उन्हें लगता है कि मेरे पुत्र की सडक दुर्घटना में मौत नहीं हुई बल्कि उसकी हत्या हुई है।
लहार विकास खण्ड के आलमपुर थाना क्षेत्र के ग्राम रुरई निवासी ज्ञानसिंह की भी मौत सडक दुर्घटना में हो चुकी है। ज्ञानसिंह की मौत के बाद एसटीएफ उसके माता-पिता को आकर परेशान कर रही है तमाम प्रश्न पूछने से वह काफी भयभीत हैं। एसटीएफ के अधिकारियों के सवालों से परेशान ज्ञानसिंह के पिता जगदीश प्रसाद अपनी पत्नी को लेकर कहीं रिश्तेदारी में रहने चले गए है।