भोपाल ! अब तक व्यापमं घोटाले में लिप्त और एफआईआर में शामिल 156 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एसटीएफ ने मात्र 32 आरोपियों की मौत की पुष्टि की है। यह दावा आज मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने की। वे अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
जब श्री कटारे से पत्रकारों ने मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल में हुए इस बड़े घोटाले से जुड़े इस महत्वपूर्ण तथ्य के श्रोत के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि डामारे नामक आरोपी युवती की लाश उज्जैन और इंदौर के बीच सडक़ पर संदिग्ध हालत में मिली थी, तो मीडिया रिपोर्ट मे ही यह तथ्य सामने आया था। इसका खण्डन भी आज तक सरकार, एसटीएफ या एसआईटी ने नहीं किया। इससे पता चलता है कि व्यापमं घोटाले के 156 आरोपियों की मौत हत्या, साजिश या आत्महत्या के कारण हुई है। श्री कटारे ने सीबीआई जांच की मांग पुन: दुहराते हुए कहा कि एसटीएफ आरोपियों को नहीं पकड़ रही है। कई अहम आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। एसआईटी भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं कर रही है। यहां तक कि नियम विरूद्ध चयन के लिए जो राशि का लेन-देन सामने आया है उसे भी जब्त करन का प्रयास नहीं हो रहा है। इससे स्पष्ट है कि एसआईटी और एसटीएफ प्रदेश सरकार के इशारे पर काम कर रही है। बिना सीबीआई जांच के इस महा घोटाले में लिप्त लोगों के चेहरे उजागर नहीं होंगे।
श्री कटारे ने यह भी कहा कि प्रदेश का हाईकोर्ट निष्पक्ष नहीं है और उनसे न्याय की उम्मीद भी नहीं है। उन्होंने अंदेशा जताया कि सरकार व्यापमं घोटाले को बाइण्डप करने की दिशा में कदम उठाने जा रही है, जो व्यापमं पीडि़तों के लिए अन्याय है। श्री कटारे ने बताया कि व्यापमं घोटाले में पांच प्रकृति के आरोपी हैं। पहला वे परीक्षार्थी हैं जिनके पालकों ने रिश्वत देकर उनका चयन विभिन्न परीक्षाओं में कराया। एसटीएफ इन्हें पकडऩे में ज्यादा ताकत लगा रही है। इनके पालकों को भी नहीं बक्शा जा रहा है, जबकि इन्हें विभागीय सजा या चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता था। क्योंकि इनका अपराध गंभीर नहीं है। दूसरा बुकी हैं जो दलालों और परीक्षार्थियों के बीच की कड़ी हैं। तीसरा वे दलाल हैं जो चयन के बदले लेन-देन करते थे। चौथे श्रेणी में वे अफसर हैं जो परिणामों, चयन प्रक्रियाओं में हेराफेरी करके अपात्रों का चयन कर पात्रों का कह मारते थे। अंत में वे अफसर और राजनेता हैं जिनके इशारे, निर्देश, शिफारिश पर व्यापमं का पूरा षडय़ंत्र हुआ है।
जांच से जुड़े 40 लोगों की मौत की पुष्टि
व्यापमं घोटाले की तीन साल की जांच के दौरान अब तक 40 लोगों की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। रहस्यमय परिस्थितियों में हो रही इन मौतों से पूरी जांच प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। हाईकोर्ट द्वारा गठित स्पेशल इंविस्टिगेशन टीम को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है। पुलिस ने कहा है कि मृतकों की उम्र लगभग 25-30 साल है और सभी चंबल क्षेत्र के निवासी बताए जा रहे हैं। मृतकों में मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश और मुख्य अभियुक्त फार्मासिस्ट विजय सिंह भी शामिल हैं। इन मौतों का पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है।

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