पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के 49वें दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना शुक्रवार को शामिल हुए. दोस्ती की नई इबारत लिखते हुए दोनों देशों के प्रधानमंत्री भारत और बांग्लादेश के सांस्कृतिक संबंधों के प्रतीक ‘बांग्लादेश भवन’ का उद्घाटन करेंगे और वहां एक द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर की कर्मस्थलि शांति निकेतन में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए भारत दौरे पर सुबह पहुंचीं. इससे पहले शांति निकेतन पहुंचने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्ती ने पीएम मोदी का स्वागत किया.
प्रधानमंत्री बनने के बाद से यह मोदी का विश्वविद्यालय का पहला दौरा है. आखिरी बार 2008 में संस्थान के कोई कुलाधिपति दीक्षांत समारोह में मौजूद थे. तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वहां का दौरा किया था. रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा स्थापित संस्थान की कार्यकारी कुलपति सबुजकली सेन ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में पांच साल में यह पहला दीक्षांत समारोह होगा.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम काफी खुश है कि इतने सारे गणमान्य लोग दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे. इसके बाद से हम दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों की तरह ही हर साल दीक्षांत समारोह आयोजित करने की कोशिश करेंगे.’’
मोदी और हसीना के अलावा समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल होंगी. कुलपति के मुताबिक पिछले चार दशकों में पहली बार राज्य का कोई मुख्यमंत्री दीक्षांत समारोह में शामिल होगा.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश के करीब 150 प्रतिनिधि दीक्षांत समारोह और ‘बांग्लादेश भवन’ के उद्घाटन के लिए शुक्रवार को यहां आएंगे. दोनों देशों के प्रधानमंत्री उद्घाटन कार्यक्रम के खत्म होने के बाद दोपहर एक बजे बैठक करेंगे.
बांग्लादेश उप उच्चायोग के सूत्रों ने बताया कि हसीना शुक्रवार की सुबह कोलकाता पहुंचेंगी और फिर वहां से शांतिनिकेतन के लिए रवाना होंगी. शांतिनिकेतन कोलकाता से करीब 160 किलोमीटर दूर है. बांग्लादेश भवन में रवींद्रनाथ ठाकुर की साहित्यिक रचनाओं के अलावा बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और उसमें भारत की भूमिका से जुड़ी किताबें एवं तस्वीरें प्रदर्शित की जाएंगी.
तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे के मुद्दे पर नहीं होगी चर्चा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि वह शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात करेंगी, लेकिन तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे के मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि तीस्ता नदी पर चर्चा के लिए कोई जगह नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हसीना के साथ उनके सौहार्दपूर्ण संबंध हैं और कोई भौगोलिक या राजनीतिक सीमा पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के बीच मतभेद नहीं पैदा कर सकती, क्योंकि उनकी संस्कृति और भाषा एक ही है.
बंगाल के बाद झारखंड जाएंगे नरेंद्र मोदी
हसीना से मिलने के बाद मोदी झारखंड जाएंगे जहां वह सिंदरी में केंद्र एवं राज्य सरकारों की कई परियोजनाओं की आधारशिला डालेंगे. इनमें हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की सिंदरी उर्वरक परियोजना, गेल की रांची सिटी गैस वितरण परियोजना, एम्स, देवघर, देवघर हवाईअड्डे का विकास और 3×800 मेगावाट उत्पादन क्षमता की पतरातू सुपर ताप विद्युत परियोजना को बहाल करना शामिल है.
मोदी की मौजूदगी में ‘जन औषधि केंद्र’ के लिए सहमति ज्ञापनों का भी आदान प्रदान किया जाएगा और वह बाद में सभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री रांची में झारखंड के ‘आकांक्षापूर्ण’ जिलों के जिलाधिकारियों से बातचीत करेंगे.
मोदी ने जनवरी में ‘आकांक्षापूर्ण जिलों का बदलाव’’ कार्यक्रम शुरू किया था, जिसका लक्ष्य इन जिलों के लोगों का जीवन स्तर बेहतर करने के लिए वहां तेजी से एवं प्रभावशाली तरीके से बदलाव लाना है.
हसीना पश्चिम बर्द्धमान जिले के आसनसोल स्थित काजी नजरूल विश्वविद्यालय जाएंगी जहां उन्हें 26 मई को डी. लिट् की मानद उपाधि दी जाएगी.