भोपाल। राज्य की बिजली वितरण कंपनियों को ऑपरेशनल प्रॉफिट में लाने के सघन प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इस दिशा में विद्युत वितरण कंपनियों की प्रत्येक ऑपरेशनल इकाई को बेहतर प्रदर्शन करना होगा। इसके लिए एक विस्तृत योजना को लागू किया जा रहा है। प्रमुख सचिव ऊर्जा  संजय दुबे शनिवार को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल रीजन के अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।

प्रमुख सचिव ऊर्जा ने ट्रांसफार्मर सुधार इकाई एमटीआरयू (मेजर ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट) एवं एसटीआरयू (स्माल ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट) की दक्षता बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग के साथ उसकी टेस्टिंग प्रभावी ढंग से की जाए ताकि ट्रांसफार्मर फेल नहीं हो।  दुबे ने सतर्कता गतिविधियों की छह माह की प्रगति की समीक्षा की और कहा कि सतर्कता संकाय उन स्थानों को चिन्हित करें जहॉं बिजली का अवैध और अनधिकृत उपयोग ज्यादा हो रहा है और वहॉं सघनता से प्रभावी कार्यवाही की जाए। प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि जिन स्थानों पर एटीएण्डसी लॉसेस अधिक है या बिजली का अवैध और अनधिकृत उपयोग अधिक हो रहा है उन क्षेत्रों के जूनियर इंजीनियर से लेकर लाईन स्टाफ तक को जिम्मेदार बनाया जाएगा। उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। प्रमुख सचिव ने कहा कि ध्यान रखें कि चालू माह के साथ-साथ बकाया राशि की वसूली इस प्रकार हो कि कंपनी के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो सके। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने ट्रांसफार्मर फेल्युअर को लेकर सचेत किया कि जिन स्थानों पर एक से अधिक बार ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं उन स्थानों को चिन्हित किया जाए और वहॉं ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाए ताकि रबी सीजन में किसानों को घोषित अवधि में निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने मैदानी अधिकारियों को लक्ष्य दिया कि ट्रांसफार्मर असफलता की दर 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक  विशेष गढ़पाले ने बैठक में पॉयलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत स्वीकृत विदिशा वृत्त में सभी कृषि उपभोक्ताओं के आधार नंबर सीडिंग के कार्य को जल्दी पूर्ण करने के निर्देश दिए।  गढ़पाले ने बताया कि उपभोक्ताओं को निर्बाध और ट्रिपिंग रहित गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कंपनी द्वारा एक योजना पर काम किया जा रहा है जिसके अंतर्गत साल के 12 महीने विद्युत प्रणाली का रख-रखाव किया जाएगा। योजना के अंतर्गत महाप्रबंधक, उपमहाप्रबंधक, जूनियर इंजीनियर एवं लाईन स्टाफ को प्रभावी रूप से जिम्मेदार बनाया जाएगा। उन्होंने महिला स्व-सहायता समूह की निष्ठा विद्युत मित्र योजना के विस्तार के निर्देश दिए। प्रबंध संचालक ने ऐसे कॉलोनाईजरों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिए जिन्होंने कॉलोनी के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण नहीं किया है और कॉलोनी के रहवासियों को परेशानी हो रही है। प्रबंध संचालक ने कंज्यूमर इंडेक्सिंग के कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। बिजली शिकायत निवारण कैम्पों की प्रगति की समीक्षा की और शिकायत निवारण शिविरों में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के साथ-साथ शिकायतों को बिलिंग, मीटर वाचन, वोल्टेज समस्या, ट्रिपिंग आदि के आधार पर वर्गीकृत कर शिकायतों का विश्लेषण करने को कहा।

इस अवसर पर विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (ऊर्जा विभाग)  एस.के. शर्मा, निदेशक (तकनीकी)  आर.एस. वास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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