नई दिल्ली। वाहनों के आगे-पीछे व अगल-बगल लोहे और स्टेनलेस स्टील के क्रैश गार्ड या बुल गार्ड लगवाने वाले जितनी जल्दी हो सके इन्हें हटवा लें, अन्यथा उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। केंद्र ने राज्य सरकारों से ऐसे वाहन चालकों के विरुद्ध कार्रवाई करने और जुर्माना वसूलने को कहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से इस संबंध में सभी राज्यों के परिवहन विभाग के प्रधान सचिवों, सचिवों तथा आयुक्तों को खत लिखा गया है।
खत में कहा गया है कि, “हमारी जानकारी में ये बात लाई गई है कि अनेक वाहन मालिक अपने वाहनों में अनधिकृत रूप से क्रैश गार्ड या बुल गार्ड फिट कराते हैं। ये मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा-52 का उल्लंघन है। इनसे सड़क पर चलने वाले राहगीरों की सुरक्षा को खतरा है। पहली बार में 1 हजार औरदूसरी में 2 हजार रु. जुर्मानाखत में कहा गया है कि ऐसा वाहन चलाने वाले चालकों से धारा-190 तथा 191 के तहत पहली बार 1000 रुपए तथा दूसरी बार 2000 रुपए का जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान है।
यही नहीं, इस तरह का वाहन बेचने अथवा उपलब्ध कराने वाले विक्रेताओं से 5000 रुपए का अर्थदंड वसूला जाना चाहिए।”
ये हैं कानूनी प्रावधान
-मोटर वाहन एक्ट 1988 की धारा 190 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर इस तरह का मोटर वाहन चलाता है या चलाने की अनुमति देता है जिससे सड़क सुरक्षा, ध्वनि तथा वायु प्रदूषण के मानकों का उल्लंघन होता हो पर पहले अपराध के लिए 1000 रुपए और दूसरे अपराध के लिए 2000 रुपए का जुर्माना वसूला जाना चाहिए।
-धारा 191 में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति जो मोटर वाहनों की अनुचित तरह से बिक्री करता है अथवा बिक्री के लिए उपलब्ध कराता है या फिर किसी मोटर वाहन या ट्रेलर को ऐसी अवस्था में बेचता या बिक्री के लिए उपलब्ध कराता है कि जिसके सार्वजनिक स्थान पर प्रयोग से अनुच्छेद-7 अथवा उसके अंतर्गत निर्मित किसी नियम का उल्लंघन होता हो, अथवा मोटर वाहन या ट्रेलर की बनावट में परिवर्तन करता हो कि उसके सार्वजनिक स्थान पर प्रयोग से किसी नियम का उल्लंघन होता हो तो उससे 5000 रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा।