ग्वालियर भोपाल। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों द्वारा मिलावट (अपमिश्रण) के आरोपियों को बचाना महंगा पड़ गया है। लोकायुक्त पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक सहित 7 खाद्य एवं आपर्ति अधिकारियों व दो घी व्यापारियों के खिलाफ विभिन्न मामलों में अपराध पंजीबद्ध किया है।
जिन खाद्य आपूर्ति अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है उनमे तत्कालीन खाद्य निरीक्षक शिवराज पाठक, तत्कालीन जिला आपूर्ति नियंत्रक अधिकारी ज्योति शाह नरवरिया, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्रा, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रविन्द्र सिंह धाकरे, सहायक आपूर्ति अधिकारी विपीन कुमार श्रीवास्तव, संयुक्त नियंत्रक कार्यालय नियंत्रक औषधि एवं खाद्य प्रशासन भोपाल प्रमोद कुमार शुक्ला एवं अरविंद कुमार पथरौल, बृजेश दुबे घी व्यापारी ग्वालियर, विमल जैन घी व्यापारी भिंड शामिल हैं।
लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर संगठन के अनुसार यह मामला 2007 का है जब 6 नवंबर 2007 को ग्वालियर रेलवे स्टेशन से 332 टीन नकली और मिलावटी घी के विभिन्न व्यापारियों द्वारा पार्सल किये जा रहे थे, तभी कलेक्टर ग्वालियर की सूचना के आधार पर खाद्य नियंत्रक ज्योति शाह नरवरिया व उनके अधीनस्थ अधिकारी शिवराज पाठक व अन्य स्टाॅफ ने 110 टीन नकली, मिलावटी घी की मौके पर से सैम्पलिंग कर जप्ती एवं सुपुर्दगी की विधि सम्मत कार्रवाई न करते हुये घी डीलर बृजेश दुबे, विमल जैन को बचाने का प्रयास किया था।
इस पूरे मामले की शिकायत नागरिक उपभोक्ता मंच के सचिव एसबी सिंह ने लोकायुक्त भोपाल को प्रमाण सहित की थी, जिस पर लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर संगठन ने प्राथमिक जांच 139/16 कर अब 11 जून को अपराध क्रमांक 139/18 पर धारा 13(1) डी(2) पीसी एक्ट 1988 एवं 120बी भादवि के तहत मामला दर्ज किया है। लोकायुक्त पुलिस संगठन के अनुसार इसमें कई ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी मामलें दर्ज किये गये है जिन्होंने जांच में आरोपियों को बचाने की कोशिश की थी।

“लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर ने पूरे मामले की जांच कर मामला पंजीबद्ध किया है।”
अमित सिंह
पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त
ग्वालियर

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