नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार की गुरुवार को पूरी जिम्मेदारी ली और कहा कि उनके इस्तीफे का मुद्दा उनके और कांग्रेस कार्यकारिणी के बीच का है. राहुल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “मैं (पार्टी के प्रदर्शन के लिए) पूरी जिम्मेदारी स्वीकारता हूं.” पार्टी के नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी के इस्तीफा देने की खबरें शरारतपूर्ण और गलत हैं. संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस्तीफा देंगे? राहुल ने कहा, “कार्यकारिणी की हमारी एक बैठक होगी. आप इसे मेरे और कार्यकारिणी के बीच छोड़ दें.” कांग्रेस लोकसभा में 51 सीटें जीत सकती है, जो 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती सीटों से मात्र सात ज्यादा है. राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान पार्टी के प्रचार अभियान का नेतृत्व किया था. वहीं ऐसा लग रहा है कि पिछली बार की तरह इस बार भी लोकसभा को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिला पाएगा. सबसे बड़ी पार्टी के पास कुल 10 प्रतिशत सांसद होने चाहिए यानी करीब 55 सांसद लेकिन सबसे बड़े दल कांग्रेस को कुल 52 सीटे ही आई हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को 44 सीटें आई थीं. यानी पिछली बार से सिर्फ 11 सीटें ज्यादा आई हैं. दूसरी ओर बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिल चुका है. चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक अब तक 542 में से 510 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं. बीजेपी 290 सीटें जीत चुकी हैं और 13 सीटों पर आगे है. मोदी देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने जिसने पूर्ण बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता में वापसी की है. यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार भी 2004 में दोबारा नहीं आ सकी थी.
विवादों के बाद भी जीत गईं प्रज्ञा ठाकुर, मालेगांव धमाकों की आरोपी से लेकर सांसद बनने तक का सफर
पहली बार 300 के पार जानेवाली बीजेपी ने यूपी में सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन के बाद भी शानदार प्रदर्शन किया है. 80 में से 62 सीटें बीजेपी की झोली में आई हैं. यहां बीजेपी को 49.6 फ़ीसदी वोट मिले हैं. बीजेपी की इस ऐतिहासिक जीत में अमेठी की ख़ूब चर्चा हो रही है.जहां बीजेपी की स्मृति ईरानी ने लगातार 15 साल तक यहां से सांसद रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को क़रीब 55,000 वोटों से हरा दिया है. अमेठी सदियों से गांधी परिवार का गढ़ रहा है. पिछले 39 सालों में सिर्फ़ एक बार 1998 में बीजेपी यहां जीती थी, उसके अलावा हमेशा यहां कांग्रेस का दबदबा रहा है. ऐसे में अमेठी से राहुल की हार कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा नुक़सान माना जा रहा है.