नई दिल्ली।
लॉकडाउन 31 मई तक जारी रहेगा। इस दौरान घरेलू मेडिकल सर्विसेज और घरेलू एयर एंबुलेंस सेवा को छोड़कर सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। पूरे देश में मेट्रो रेल भी नहीं चलेगी। स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल/ट्रेनिंग/कोचिंग इंस्टीट्यूट भी बंद रहेंगे। ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगा और इसे बढ़ावा दिया जाएगा। होटल, रेस्टोरेंट और दूसरी हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज भी बंद रहेंगे। हालांकि रेस्टोरेंट फूड आइटम की होम डिलीवरी के लिए किचन ऑपरेट कर सकते हैं।
सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, एसेंबली हॉल और इस तरह के भीड़भाड़ वाले स्थान बंद रहेंगे। खेल परिसरों और स्टेडियमों को खोलने की अनुमति होगी लेकिन वहां दर्शकों को जाने की अनुमति होगी।
सभी तरह के सोशल/पॉलिटिकल/खेल/एंटरटेनमेंट/एकेडेमिक/कल्चरल/धार्मिक कार्यक्रम और जलसों की अनुमति नहीं होगी। सभी धार्मिक स्थल, पूजा स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे। धार्मिक जलसों पर सख्त पाबंदी होगी।
बसें और यात्री वाहन एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकते हैं। लेकिन इसके लिए दोनों राज्यों की सहमति लेनी होगी। राज्य सरकारें अपने राज्य के भीतर बसों और यात्री वाहनों के संचालन की अनुमति दे सकती हैं। लोगों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) का पालन करना होगा। यानी सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरी शर्तें जारी रहेंगी। कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए जारी दिशानिर्देशों का पूरे देश में पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के मुताबिक राज्य सरकारें अपने यहां रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करेंगी। रेड जोन और ऑरेंज जोन के भीतर जिले के अधिकारी कंटेनमेंट जोन और बफर जोन तय करेंगे। कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी गतिविधियों की ही अनुमति होगी। इन इलाकों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा और किसी भी व्यक्ति को वहां से किसी को आनेजाने की अनुमति नहीं होगी। केवल मेडिकल इमरजेंसी और जरूरी चीजों तथा सेवाओं की अनुमति होगी। इन इलाकों में घर-घर जाकर संक्रमित लोगों का पता लगाया जाएगा।
1- सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार राज्य के अंदर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के आवागमन का फैसला राज्य सरकार को स्वयं लेना होगा। केंद्र सरकार ने यहां साफ कर दिया है कि राज्य अपने से तय करें कि क्या प्रदेश के भीतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलने चाहिए या नहीं।
2- राज्य सरकार को ये अधिकार दिया है कि वो तय करें कि उनके प्रदेश में कौन सा इलाका किस जोन में आएगा। यानी कंटेनमेंट जोन, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन को अब प्रदेश सरकारें तय करेंगी। उसके बाद इन जोनों में किस तरह की रियायतें होंगी वो केंद्र सरकार तय करेंगी।
3- सभी तरह के जोन की सीमाओं के बारे में सीमांकन करने की जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की होगी। वो तय करेंगे कि जिले की सीमाएँ खोली जाएं या नहीं।
4– कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी कामों के लिए आप घर से बाहर आ सकते हैं। इन जोनों में किसी तरह की आवाजाही नहीं होगी। न तो इन इलाकों के भीतर कोई आ सकता है और न ही कोई इससे बाहर जाएगा। हालांकि मेडिकल इमरजेंसी और जरूरी सामान लाने के लिए आप निकल सकते हैं। लेकिन इसके लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार ही छूट मिलेगी।
5– शाम को सात बजे से सुबह के सात बजे तक आवाजाही पर रोक रहेगी। लोकल प्रशासन इसके लिए जरूरी आदेश दे और अपने अधिकार क्षेत्रों पर धारा 144 को लागू करे और सख्ती से पालन कराए।
6– 65 साल के ज्यादा उम्र वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र वाले बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है। अगर कोई बहुत जरूरी काम जैसे कोई मेडिकल इमरजेंसी या फिर कोई बेहद जरूरी सामान लेना हो तभी घर से बाहर आएं।
7– आरोग्य सेतु ऐप का प्रयोग करने के लिए कहा गया है। जिसके कि आपके आस-पास कोई भी कोरोना संदिग्ध हो तो ऐप के जरिए आपको पता चल जाए और फिर आप उस इलाके में न जाए। दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के लिए ये ऐप बहुत जरूरी है ताकि वो अपने आसपास के इलाके से अवगत रहें। जिला प्रशासन आरोग्य सेतु ऐप को ज्यादा से ज्यादा लोगों को परिचित कराए और लगातार इससे अपडेट रहने की सलाह दे।
8– कार्यालयों और कार्य स्थलों पर कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कर्मचारियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। मेडिकल प्रफेशनल, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों और एंबुलेंस के आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। सभी तरह के गुडस और कार्गो के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।