भोपाल । कोरोना वायरस के कारण प्रदेश में जारी लॉकडाउन आगामी एक जून से चरणबद्ध तरीके से अनलॉक होगा। अभी न तो कोचिंग संस्थान खुलेंगे और न ही शॉपिंग मॉल, सिनेमाघर, रेस्टोरेंट खुलेंगे। ‎जिन स्थानों पर भीड़ एकत्र होने की आशंका सर्वाधिक रहती है, वह स्थान अभी नहीं खुलेंगे। शादी समारोह की अनुमति स्थानीय प्रशासन दे सकेगा पर संख्या सीमित ही रहेगी। अनलॉक के दिशा-निर्देश तैयार करने को लेकर बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। आगामी तीन-चार दिन में मसौदा तैयार कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि जिन इलाकों में संक्रमण अधिक होगा, वहां माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाकर संक्रमण की कड़ी को तोड़ने का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री के एक जून से धीरे-धीरे कोरोना कर्फ्यू हटाने के संकेत देने के बाद गृह विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सभी कलेक्टरों से कहा है कि वे स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से कार्ययोजना बनाकर दें कि किस तरह अनलॉक करेंगे।

बताया जा रहा है कि विभाग ने जिलों को बता दिया है कि पहले चरण में उन स्थानों को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जहां लोगों की आवाजाही अधिक रहती है। कोचिंग संस्थान हों या फिर मॉल या फिर सिनेमाघर, ये फिलहाल नहीं खुलेंगे। इन्हें धीरे-धीरे अनुमति मिलेगी। बार भी फिलहाल बंद ही रहेंगे। शादी-विवाह की अनुमति स्थानीय स्तर पर प्रशासन परिस्थितियों को देखते हुए लेगा पर संख्या सीमित ही रहेगी। किराना दुकान, जनरल स्टोर सहित वे सभी दुकानें सावधानियों के साथ खुल सकेंगी, जिनमें रोजमर्रा की जरूरत का सामान मिलता है।

परिवहन विभाग ने छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बस परिवहन सेवा पर प्रतिबंध 31 मई तक बढ़ा दिया है। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। इसके आगे भी निर्णय सभी परिस्थितियों को देखते हुए लिया जाएगा। जब तक अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति निंयत्रित नहीं हो जाती है, तब तक यात्री बसों का संचालन स्थगित ही रखा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश की जनता ने अब तक धैर्य का परिचय दिया है और महामारी की गंभीरता को समझ चुकी है इसलिए अनलॉक किया जा सकता है। मास्क पहनना और शारीरिक दूरी का पालन करना अनिवार्य रहेगा। निजी संस्थाओं के कार्यालय कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए खुल सकेंगे। प्रदेश और जिला स्तरीय कार्यालयों का संचालन पहले 25 फीसद तक कर्मचारियों के साथ किया जाएगा। जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होती जाएगी, वैसे-वैसे संख्या बढ़ाई जाएगी। 

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