लखनऊ। कोरोनाकाल में लखनऊ के रईसजादे थाईलैंड से कॉल गर्ल बुला रहे हैं। यहां के एक व्यापारी के बेटे ने सात लाख रुपए खर्च करके थाइलैंड से 10 दिन पहले एक कॉल गर्ल को लखनऊ बुलवाया। कुछ दिन बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और 4 दिन पहले कोरोनावायरस की चपेट में आकर मौत हो गई। इस घटना को काफी दबाने की कोशिश की गई, लेकिन जब मामला खुला तो जिम्मेदारों के पैरों तले जमीन खिसक गई। मामले में थाईलैंड दूतावास को भी जानकारी दे दी गई है। 

बताया गया कि कॉल गर्ल के लखनऊ आने के तीन दिन बाद ही तबीयत खराब हो गई और उसको 28 अप्रैल को डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, गोमतीनगर में भर्ती करवाया गया। जबकि इस हॉस्पिटल में आम कोविड संक्रमित को बेड नहीं मिल पा रहा है। इलाज के दौरान कॉल गर्ल की तीन मई को मौत हो गई तो व्यापारी पुत्र ने खुद ही थाइलैंड एंबेसी संपर्क किया। यह युवती पिछले कुछ वक्त से व्यापारी के बेटे के साथ रह रही थी। पुलिस ने व्यापारी का नाम सार्वजनिक नहीं किया और अभी तक थाई दूतावास ने कोई जवाब नहीं दिया है। 

फिलहाल, पुलिस जांच में कई खुलासे हुए जो हैरान करने वाले हैं। मामला दो देशों के बीच होने के कारण खुल गया। व्यापारी के बेटे ने कॉल गर्ल की तबीयत बिगड़ने पर खुद थाईलैंड एंबेसी को फोन करके इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस के अनुसार यह कॉल गर्ल राजस्थान के रहने वाले एक ट्रैवेल एजेंट के संपर्क में थी। उसी ने इसे लखनऊ भेजा था। 

पुलिस ने पहले थाईलैंड एंबेसी में संपर्क करके लड़की के परिवार को शव हैंडओवर करने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो शनिवार को एजेंट सलमान की मौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसी एजेंट के सहारे वह भारत आई थी। पुलिस का कहना है कि यह भी ट्रेस किया जा रहा है कि कॉल गर्ल के संपर्क में और कौन-कौन आया है।

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