नई दिल्ली । बलूचिस्तान का मसला पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। दुनिया भर और खासकर यूरोपीय देशों में फैले बलूचों ने अपनी आवाज बुलंद करने के लिए एक नया तरीका निकाला है। वे सावर्जनिक स्थलों पर धरना-प्रदर्शन करके लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने में लगे हुए हैं। 13 नवंबर को दुनिया भर के बलूचों ने सड़कों पर निकल कर बलूच शहीद दिवस मनाया। इस क्रम में नार्वे, स्वीडन, जर्मनी, ब्रिटेन आदि देशों में धरना-प्रदर्शन किए गए। इस धरना-प्रदर्शन के साथ ही बलूच नेताओं ने लंदन पर खासतौर पर अपना ध्यान केंद्रित किया और साथ ही लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का अंदाज भी बदला।
बलूच संगठनों ने लंदन की टैक्सियों और बसों पर बड़े-बड़े अक्षरों पर फ्री बलूचिस्तान के विज्ञापन लगवाए हैं। लंदन में फ्री बलूचिस्तान लिखी टैक्सियों और बसों को देखकर पाकिस्तान का माथा ठनका और उसने ब्रिटिश सरकार के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इस पर लंदन के ट्रांसपोर्ट विभाग ने कहा कि टैक्सियों पर फ्री बलूचिस्तान वाले विज्ञापन पट विज्ञापन नीति का उल्लंघन हैं।
इस फैसले के खिलाफ बलूच संगठनों ने अपील दायर करने का फैसला लिया है। बीते दो हफ्ते से लंदन की टैक्सियों और बसों पर फ्री बलूचिस्तान लिखा नजर आ रहा है। खुद को मिल रहे समर्थन से उत्साहित बिना बलूच संगठनों ने लंदन की सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी बड़े-बड़े विज्ञापन पट लगवा दिए हैं। जाहिर है कि इनमें भी फ्री बलूचिस्तान लिखा है। इन विज्ञापनों के जरिये बलूचिस्तान में जारी पाकिस्तान के दमनचक्र के बारे में भी बताया जा रहा है और इसे भी उजागर किया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना किस तरह बलूच युवाओं को अगवा कर मार रही है।
पाकिस्तान सरकार ने विज्ञापन आधारित फ्री बलूचिस्तान अभियान को पाकिस्तान विरोधी और दुर्भावनापूर्ण बताया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित ब्रिटेन के उच्चायुक्त को तलब कर कहा है कि लंदन में फ्री बलूचिस्तान नाम से जारी प्रचार अभियान उसे मंजूर नहीं। इसके जवाब में विश्व बलूच संगठन के नेता नूरदीन मेंगल का कहना है कि पाकिस्तान की रोक-टोक अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है। बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के निर्मम हनन पर ब्रिटेन के कई मानवाधिकार कार्य़कर्ता भी पाकिस्तान के रवैये की आलोचना कर रहे हैं। वे इस कोशिश में हैं कि लंदन में फ्री बलूचिस्तान अभियान में कोई खलल न पड़ने पाए। इसके पहले पाकिस्तान जेनेवा में स्वतंत्र बलूचिस्तान के समर्थन में जारी विरोध प्रदर्शनों पर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुका है।