ग्वालियर। भिण्ड जिले के नयागांव थाना क्षेत्र में स्थित ओझा गांव में रेत खदान पर की गई बडी कार्यवाही के बाद प्रशासन राजनैतिक दबाव में आ गया है और अब प्रभावी कार्यवाही करने की बजाय औपचारिकता निभाने में लग गया है। यही कारण है कि मौके से पकडे गए रेत से भरे 17 ट्रक, दो पोकलेन मशीन और एक पनडुब्बी व भारी मात्रा में जप्त किया गया रेत भी छोड दिया। इससे प्रशासन की छवि काफी खराब हुई है।
सिंध नदी से रेत का अबैध रुप से बडी मात्रा में खनन किया जा रहा था। कलेक्टर मधुकर आग्नेय, पुलिस अधीक्षक विनीत खन्ना, खनिज अधिकारी ललित मोहन के अलावा जिला प्रशासन के एक दर्जन अधिकारियों व एक सैकडा हथियारबंद पुलिस जवानों के साथ मौके पर पहुंचे और वहां अबैध तरीके से किया जा रहा रेत खनन पकडा। मौके से 17 ट्रक, दो पोकलेन मशीन व पण्डुब्बी को पकडकर नयागांव थाने में खडे करा दिए थे। प्रशासन अबैध माईनिंग करा रहे माफिया व उसके गुरगों के खिलाफ आज भी एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
कल शाम को कलेक्टर मधुकर आग्नेय, पुलिस अधीक्षक विनीत खन्ना, जिला पंचायत सीईओ विजय दत्ता, एडीशनल एसपी अमृत मीणा ने कलेक्टर चेंबर में करीबन दो घण्टे तक मंत्रणा करने के बाद सवा सौ सशस्त्रधारी जवानों के साथ रेत खदानों पर गए। रेत माफियाओं द्वारा रेत की तस्करी के लिए बनाए गए नदी पर कच्चे पुलों को ध्वस्त करने के लिए गए थे लेकिन प्रशासन की इस औपचारिक कार्यवाही की भनक रेत माफिया को पहले ही लग गई थी जिससे मौके पर रेत माफिया का न तो कोई गुरगा हाथ लगा और न ही अबैध पुल तोडने की कार्यवाही करने का मौका मिला। बिना किसी कार्यवाही के पूरा अमला 6 घण्टे तक स्थिति का जायजा ही लेता रहा और वापस चला आया। प्रशासन के अधिकारी अपने साथ गोला बारुद और पत्रकारों का एक दल भी ले गये थे।
भिण्ड जिले में चल रहा रेत का अबैध कारोबार में यहां के स्थानीय अधिकारी, नेता और पुलिस शामिल है। यही कारण है कि रेत खदानों पर आए दिन खूनी खेल चलता रहता है। एक साल में तीन हत्यायें हो चुकी है। फायरिंग व लूट की भी घटनाऐ ंतो आत बात है।