भोपाल। नगर निगम कमिश्नर की कुर्सी पर बैठकर कांग्रेस नेता की तरह कार्रवाई करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सभाजीत यादव को रिटायर होने के ठीक 10 दिन पहले सस्पेंड कर दिया गया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय सभाजीत यादव (आयुक्त नगर निगम रीवा के पद पर रहते हुए) ने सीएम कमलनाथ को खुश करने के लिए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को ना केवल 5 करोड रुपए की वसूली का नोटिस भेजा बल्कि 5 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा।
शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद जिन दो आइएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, उनमें यादव एक थे। कमल नाथ सरकार में रीवा नगर निगम आयुक्त रहते हुए सभाजीत यादव ने पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्हें गरीबों को निशुल्क आवास उपलब्ध कराने के मामले में 5 करोड़ 94 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भेजा था।
भाजपा नेताओं ने जब इसे लेकर मीडिया में बयानबाजी की थी तो यादव ने शुक्ला को पांच करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भी भेजा था। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिक्र भी आया था, जिसे लेकर उन्होंने बाद में सफाई भी दी थी।
कमल नाथ सरकार की विदाई होने और फिर शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने पर सबसे पहले दो आइएएस अफसरों को पद से हटाया गया था, उनमें राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के साथ सभाजीत यादव भी थे। अब सामान्य प्रशासन विभाग ने यादव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित किया है।
इसके लिए आयुक्त नगर निगम रीवा रहते प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में गंभीर अनियमितता को आधार बनाया गया है। यादव 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे हैं यानी उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद विभागीय जांच का सामना करना होगा।