मुरैना। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के मुरैना में बिजली का बिल अधिक आने को लेकर शहर कोतवाली पुलिस ने बुधवार को बिजली कंपनी के डीई को कोतवाली बुलवाया। उनके साथ खराब व्यवहार करते हुए बिल ठीक न होने तक कोतवाली में एक अपराधी की तरह बैठाए रखा। वे चले न जाएं, इसलिए एक पुलिस कर्मी भी अलग से तैनात कर दिया। इस दौरान उनके साथ बिजली विभाग का एक जूनियर इंजीनियर भी था। जब पुलिस पर बिजली कंपनी के बडे अधिकारियों का दबाव आया तब करीब ढाई घंटे बाद पुलिस ने डीई को कोतवाली से जाने दिया। और हिदायत दी बिल ठीक नहीं हुआ तो अबकी बार सीधे अंदर बंद कर दिया जाएगा।
बिजली के उपमहाप्रबंधक राजेश सिंह भदौरिया को शहर कोतवाली के नगरनिरीक्षक केएस भदौरिया ने कोतवाली से पुलिस कर्मी भेजकर थाने बुलाया। वे एक जूनियर इंजीनियर निखिल के साथ कोतवाली पहुंचे। राजेश सिंह भदौरिया के मुताबिक टीआई ने एक बिल सामने रखा और कहा कि ये बिल गलत आया है। इसका निराकरण नहीं हुआ है। भदौरिया के मुताबिक बिल देखकर उन्होंने बता दिया कि उसका निराकरण डेढ महीने पहले हो गया है। टीआई ने आरक्षक से कहकर थाने के दूसरे कक्ष में बैठा दिया, कहा कि जब तब मैं नहीं कहूंगा, तब तक आप नहीं जाओगे। एक पुलिस कर्मी की ड्यूटी भी लगा दी। करीब आधे घंटे बाद एक बिल और मंगाया और कहा कि इसे ठीक करना है। जब तक बिल ठीक नहीं होगा, तब ऐसे ही बैठे रहोगे। राजेश सिंह भदौरिया के मुताबिक बिल को ठीक करने का काम उप महाप्रबंधक का नहीं होता, फिर भी उन्होंने कहा कि यह बिल रीडिंग से आया है। इसमें वे कुछ नहीं कर सकते। रिकॉर्ड देखकर ही कुछ किया जा सकता है, लेकिन टीआई तैयार नहीं हुए और उन्होंने बैठने को कह दिया। पुलिस ने उन्हें करीब 12 बजे बुलाया था और ढाई बजे के करीब छोडा।
बिजली कंपनी के उप महाप्रबंधक राजेश सिंह भदौरिया का कहना था कि वे बिजली कंपनी के जिले में दूसरे नंबर के अधिकारी हैं। टीआई ने जिस तरह से उन्हें बुलाया था, उससे लगा कि कोई आवश्यक काम होगा। इसलिए वे अपने साथी को लेकर कोतवाली पहुंच गए, लेकिन वहां पर उन्हांेने उन्हें बैठा लिया और जिस तरह से व्यवहार किया, उससे वे आहत हैं। कोतवाली के टीआई द्वारा उनके साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया गया है। ऐसी स्थिति में वह मुरैना में नौकरी नहीं कर सकते है। इस घटना के बाद उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। पुलिस सुरक्षा के लिए होती है कि गुण्डागर्दी के लिए उन्हें आज पता चला है।
डीई राजेश सिंह भदौरिया व जेई निखिल के मुताबिक पुलिस द्वारा बैठाए जाने की सूचना जब वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दे रहे थे तो पुलिस ने उनसे उनके मोबाइल भी छीन लिए और अपने पास रख लिए। ऐसे में वे अपने अधिकारियों को भी सूचना नहीं दे सके।