ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला न्यायालय ने जमीन के बंटवारा और नामांतरण कराने के लिए 3 हजार की रिश्वत लेने वाले पटवारी को विशेष न्यायाधीश (भष्ट्राचार निवारण अधिनियम) जेके बाजौलिया के न्यायालय ने ऊमरी हल्का नंबर 81 के पटवारी संजय रमन को 5 साल की सजा और अलग-अलग धाराओं 10-10 हजार रुपए के नाम से 20 हजार रुपए का जुर्माना किया है। सजा सुनने के साथ ही पटवारी कोर्ट रूम में ही फफक-फफक कर रोने लगा। अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजन अमोलसिंह तोमर द्वारा किया गया।
मीडिया सेल व अतिरिक्त लोक अभियोजन (एडीपीओ) अमोल सिंह तोमर ने बताया कि भिण्ड जिले के ऊमरी थाना क्षेत्र के लहरौली निवासी प्रदीप सिंह राजावत 35वर्ष गांव में मैरिज हॉल बनवा रहे थे। निर्माण कार्य शुरू कराने से पहले प्रदीप सिंह राजावत ने पटवारी संजय रमन निवासी आलौरी का पुरा एंडोरी हाल विजय नगर से जमीन का बंटवारा और नामांतरण करने के लिए कहा। प्रदीप सिंह राजावत का कहना है पटवारी ने 30 हजार रुपए लेकर अंदाज से जमीन बता दी कि यहां निर्माण कार्य शुरू कराओ। प्रदीप सिंह राजावत ने निर्माण कार्य शुरू कराया तो पटवारी दोबारा पहुंचा और कहा कि आपकी जमीन तो कब्रिस्तान में निकल रही है। श्री राजावत का कहना है कि निर्माण में करीब 2 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं उसका क्या होगा।
अभियोजन तोमर के मुताबिक 24 जुलाई को पटवारी संजय रमन ने प्रदीप सिंह राजावत से कहा मुझे 25 हजार देना मैं 1 हजार की रसीद काटकर सबकुछ ठीक कर दूंगा, कोई परेशानी नहीं आएगी। सौदा 10 हजार में तय हो गया। प्रदीप राजावत 24 जुलाई को ही ग्वालियर लोकायुक्त के पास शिकायत लेकर पहुंचे। लोकायुक्त ने उन्हें टेप रिकॉर्डर दिया। 25 जुलाई को प्रदीप राजावत भिण्ड तहसील में पटवारी संजय रमन को 4 हजार रुपए दिए और उनकी रिकॉर्डिग की। बाकी 6 हजार रुपए 3-3 हजार की किश्त में देने की तय हुआ।
27 जुलाई को पटवारी को 3 हजार की किश्त देने का वादा 27 जुलाई का था। प्रदीप राजावत लोकायुक्त टीम के साथ पहुंचे। रंगे हुए 3 हजार रुपए लेकर पटवारी के किराए के घर में गए। पटवारी को प्रदीप राजावत ने 3 हजार रुपए दिए वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उसे दबोच लिया।
न्यायाधीश जेके बाजौलिया के न्यायालय ने आज पटवारी संजय रमन को रिश्वत मांगने के अपराध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के अंतर्गत 5 साल का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए का जुर्माना और रिश्वत ग्रहण करने के अपराध में धारा 13 के तहत 5 साल की सजा और 10 हजार रुपए का जुर्माना किया है। श्री तोमर के मुताबिक दोनों सजा एक ही बार में चलेंगी। लेकिन जुर्माना की कुल राशि 20 हजार रुपए हो जाएगी।