जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर के लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अवधेश कुमार गुप्ता की अदालत ने रिश्वत लेने के आरोपी जबलपुर जिले की पाटन तहसील के ग्राम पंचायत बरौदा के तत्कालीन ग्राम रोजगार सहायक अमित पटेल को 5 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि शिकायतकर्ता भैयालाल निवासी ग्राम बरौदा, जबलपुर द्वारा 2 जनवरी 2018 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त जबलपुर को शिकायत की गई थी। जिसमें कहा गया था कि उसके भाई बाला प्रसाद के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुआ था, जिसकी प्रथम किश्त 40 हजार रुपये मिल चुकी है। द्वितीय किश्त के लिए आरोपी 20 हजार रुपये की मांग की। 18 हजार रुपये लेने की लिए तैयार हुआ था। प्रथम किश्त में 15 हजार रुपये लेकर 3 जनवरी 18 को बुलाया। प्रार्थी आरोपी को रिश्वत नहीं देना चाहता था। पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के आदेश पर गठित लोकायुक्त दल के द्वारा कार्रवाई करते हुए 3 जनवरी 18 को आरोपी को प्रार्थी के घर ग्राम बरौदा में 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडा गया। आरोपी के द्वारा प्रार्थी से रिश्वत की राशि ली जाकर अपने पेंट की जेब मे रख ली थी। आरोपी के पेंट की जेब से राशि बरामद की गई। आरोपी के हाथों को और पेंट की जेब को मोके पर घोल में धुलाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया था।

विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला के द्वारा लोकायुक्त संगठन की ओर से पैरवी करते हुये दलील दी गई कि कि लोकसेवकों में बढती भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए आरोपी को अधिकतम सजा दी जाए। प्रकरण में अभियोग पत्र 24 सितम्बर 2019 को पेश किया गया था। मात्र 5 माह 7 दिन में विचारण पूर्ण होकर न्यायालय द्वारा निर्णय पारित कर दिया गया। जिसमें अभियोजन की और से 6 साक्षी और और आरोपित की और से 4 बचाव साक्षियों का परीक्षण कराया गया।

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