ग्वालियर। मध्यप्रदेश के भिण्ड जिला न्यायालय ने कल भिण्ड जिले के अटेर क्षेत्र के किसान से जमीन बंटवारे के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले पटवारी को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टावार निवारण अधिनियम) न्यायालय ने भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए 7 साल की सजा सुनाने के साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना किया है।
विशेष लोक अभियोजक अमोलसिंह ने तोमर ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के अटेर के वार्ड 3 में रहने वाले किसान मान सिंह ढीमर और उनके भाई केदार व रामनरेश ढीमर के बीच 40 बीघा जमीन के बंटवारे का विवाद था। मान सिंह का बेटा केशव पटवारी मनोज जैन के पास बंटवारे के लिए चक्कर काट रहा था। केशव 10 अगस्त 2015 को पटवारी के पास पहुंचा और कहा कि जमीन का बंटवारा नहीं होने से झगडे के आसार बन रहे हैं। पटवारी ने केशव से रिश्वत में 20 हजार की मांग की। केशव ने रुपए कम करने की बात कही तो पटवारी ने कहा कि 15 हजार रुपए दे दो। 15 हजार में सौदा तय कर केशव घर आया। केशव 12 अगस्त 2015 को लोकायुक्त ग्वालियर के ऑफिस पहुंचा। लोकायुक्त की ओर से 12 अगस्त को ही केशव के साथ सिपाही धीरज नायक को भिण्ड भेजा। केशव ने भिण्ड आकर पटवारी मनोज जैन के घर हाउसिंग कॉलोनी शहीद चौक के पास बातचीत की रिकॉर्डिग की। इस दौरान केशव ने पटवारी को 5 हजार रुपए रिश्वत पेशगी के बतौर दी। रिश्वत लेते और बाकी रकम 18 अगस्त को देने की बात तय हो गई।
18 अगस्त को लोकायुक्त टीम को साथ लेकर किसान केशव ढीमर पटवारी के घर हाउसिंग कॉलोनी पहुंचा। केशव ने घंटी बजाई तो पटवारी के छोटे भाई ने ऊपर कमरे से झांककर जवाब दिया कि मनोज घर में नहीं है। केशव ने पटवारी के मोबाइल पर कॉल किया। पटवारी से बात होने पर केशव ने कहा कि वह 10 हजार रुपए देने आया है। पटवारी चढ्डे में घर के बाहर आया और केशव से 10 हजार रुपए ले लिए। केशव ने रिश्वत देने के बाद वह अपने सिर पर हाथ फेरा। वैसे ही लोकायुक्त डीएसपी धर्मवीर सिंह भदौरिया अपनी टीम के साथ पटवारी को पकडने के लिए दौडे। गडबडी का शक होने पर पटवारी घर में अंदर की ओर भागा।
अतिरिक्त लोक अभियोजक इंद्रेश कुमार प्रधान ने बताया कि मामले का निर्णय के लिए न्यायालय ने 30 नवंबर 2018 तय किया था। लेकिन आरोपी पटवारी 30 नवंबर से न्यायालय में पेश नहीं हुआ। आरोपी फरार चल रहा था। इसलिए न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। 9 अप्रैल 2019 को लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके बाद न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने पटवारी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत 4 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना और धारा 13 के तहत पांच साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना किया है