इंदौर। रेवती रेंज स्थित प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ में गुरुवार को आचार्य विद्यासागर का 53वां दीक्षा दिवस समारोह मनाया गया। सुबह सभी मुनिराजों ने आचार्य की परिक्रमा कर भाव वंदना की। इसके साथ ही दीपक जलाकर उत्साह प्रकट किया। आहारदान का सौभाग्य विपुल सिंघई इंदौर वालों को मिला।

दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन के उपाध्यक्ष अशोक डोसी और सुनील बिलाला ने बताया कि यह समारोह देश के अलावा विश्व के कई शहरों में मनाया गया। रेवती रेंज स्थित प्रतिभास्थली पर जगह-जगह रंगोली बनाई गई। ज्ञानसागर महाराज द्वारा विद्यासागर महाराज को दीक्षा प्रदान करते हुए रंगोली से एक चित्र उकेरा गया। ट्रस्ट के कमल अग्रवाल ने बताया कि इस बार समारोह सादगी से मनाया गया। उन्होंने बताया कि आचार्य का जन्म 10 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर हुआ था। 30 जून को अजमेर राजस्थान में आचार्य ज्ञानसागर महाराज ने उन्हें मुनि दीक्षा प्रदान की। वे दीक्षा के दिन से आत्मकल्याण के साथ जन-जन का कल्याण कर रहे हैं। गोशालाओं के माध्यम से पशुपालन, स्वालंबन के लिए कृषि एवं हथकरघा, हिंदी भाषा से ही राष्ट्र कल्याण आदि के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ जबलपुर, रामटेक, डोंगरगढ़, पपोराजी और इंदौर में संचालित हो रहे हैं। उनकी प्रेरणा से माता-पिता, दो छोटे भाई, दो छोटी बहनें भी मोक्षमार्ग के साधक बने।

आचार्य विद्यासागर महाराज सुबह मुनिराजों द्वारा किए गए भाव वंदन में पहुंचे थे। इस दौरान सभी ने आचार्य की परिक्रमा भी की। इसके बाद वे आहारचर्या में पहुंचे, लेकिन दोपहर को वे मंत्र पर नहीं आए। समिति के पदाधिकारियों के अनुसार उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से वे नहीं आए। इसके बाद मुनिराजों के सान्निध्य में आचार्य के दीक्षा दिवस की जानकारी दी गई।

आचार्य के दीक्षा दिवस पर संघस्थ मुनिराजों ने प्रवचनों से मुनि संधानसागर महाराज ने हायकू (स्लोगन) बनाए। इसमें निर्दोष सागर, विषद सागर, विराट सागर व मुनि संभव सागर के प्रवचनों से हायकू बनाए गए।

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