भोपाल. प्रदेश में उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भले अभी नहीं हुआ हो, लेकिन सियासी दल (Political Party) सितंबर और अक्टूबर में उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. अब कांग्रेस (Congress) पार्टी ने उपचुनाव जल्द कराए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रपति (President) और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग से इस बात का अनुरोध किया है कि श्रीलंका में हुए संसदीय चुनाव की तर्ज पर प्रदेश की 27 सीटों पर बैलेट पेपर से उपचुनाव कराया जाना चाहिए. कांग्रेस का तर्क है कि कोरोना संक्रमण में श्रीलंका में बैलेट पेपर से हुए चुनाव में 71 फीसदी लोगों ने अपने वोट का इस्तेमाल किया, जो इस बात का संकेत है कि कोरोना संक्रमण में चुनाव कराए जा सकते हैं.
इस बारे में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि श्रीलंका के चुनाव की तर्ज पर प्रदेश में भी बैलेट पेपर से चुनाव हो और जल्द चुनाव कराए जाएं. कांग्रेस चाहती है कि जल्द प्रदेश में उपचुनाव हों. दरअसल प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ हर दिन उपचुनाव की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस पार्टी इस तरीके से रणनीति बना रही है कि सितंबर और अक्टूबर महीने में उपचुनाव हो सकते हैं.
1. जल्द चुनाव होते हैं तो कांग्रेस विधायकों के दल बदलने का मुद्दा उपचुनाव में कैश हो सकता है. कांग्रेस पार्टी इस मामले को जिंदा रखे हुए है.
2. कांग्रेस की कोशिश है की विधानसभा उपचुनाव में गद्दार बनाम वफादार को कैश कराया जाए.
3. कांग्रेस को लग रहा है कि कोरोना को काबू कर पाने में प्रदेश सरकार विफल रही और यह कांग्रेस के पक्ष में जा सकता है.
4. कमलनाथ को अभी भी उपचुनाव में जनता से सहानुभूति मिलने की उम्मीद है.
5. एंटी इनकंबेंसी का फायदा मिलने की उम्मीद है.
6. किसान कर्ज माफी का मुद्दा अभी भी कांग्रेस को कारगर दिखाई दे रहा है.
7. बिजली बिलों से जुड़े मामलों को लेकर कांग्रेस को जनता का सहयोग मिलने की उम्मीद है.
8. कांग्रेस को उम्मीद है कि सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड भी फायदा दिला सकता है.
9. कांग्रेस को लग रहा है कि चुनाव की तारीख 2021 में जाती है तो बीजेपी इसका फायदा ले सकती है.
10. कांग्रेस के सर्वे में पार्टी के पक्ष में माहौल होने की रिपोर्ट मिली है.
बीजेपी का जवाबी हमला
वहीं कांग्रेस की मांग पर बीजेपी ने जवाबी हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस को चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं है. और यदि आयोग पर कांग्रेस को भरोसा नहीं है तो उन्हें चुनाव में हिस्सा नहीं लेना चाहिए. उपचुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से सक्षम है. वह सही तरीके से ही सही समय पर उपचुनाव कराने को लेकर फैसला लेगा. हार के डर से कांग्रेस पार्टी ईवीएम से चुनाव कराए जाने से बचने की कोशिश में लगी है. बहरहाल प्रदेश में 27 सीटों पर उपचुनाव होना है. लेकिन अब उपचुनाव को लेकर तारीखों का फैसला चुनाव आयोग को करना है. चुनाव आयोग ने पहले ही साफ कर दिया है कि सही समय पर उपचुनाव कराए जाएंगे. लेकिन अब कांग्रेस इस बात को लेकर आयोग पर दबाव बनाने की कोशिश में जुट गई है कि प्रदेश में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं.