संत शिरोमणि श्री रविशंकर जी महाराज के सान्निध्य में रावतपुरा धाम पर सामाजिक कुंभ हम सभी को एकजुट होने का अवसर प्रदान कर रहा है। कुंभ में सभी समुदाय के व्यक्तियों ने भागीदारी सुनिश्चित की है, जिससे भेदभाव मिटाने का अवसर भी मिला है। यह मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रावतपुरा धाम पर बुधवार की रात को सम्मान समारोह में व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय संस्कृति को जोड़ने में कुंभों का आयोजन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सारी दुनिया एक परिवार है। कुंभ के माध्यम से हम सभी को सदभावना और भाईचारे की प्रेरणा मिलती है। साथ ही धर्म के प्रति आस्था जाग्रत होती है। ”सियाराम मय सब जग जानी” की अविरल छटा इस कुंभ में देखने को मिली है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बेटी बचाओ-बेटी पढाओं संचालित किया जा रहा है। हम सभी को बेटी को बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिकाल से बेटी शक्ति काली के रूप में पहचानी जाती रही है। भिण्ड में पहले से बेटियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की भक्तिभाव की भावना को हम सभी को कायम रखना है।
समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने संत शिरोमणि श्री रविशंकर जी महाराज का अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मान किया। महाराज ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जी की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह एवं उनकी माँ के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री चरणदास महंत, क्षेत्रीय सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद, भिण्ड विधायक श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह, दतिया विधायक श्री राधेलाल, श्रद्धालु आदि उपस्थित थे।
रावतपुरा में बनेगी धर्मशाला
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि रावतपुरा धाम पर शीघ्र धर्मशाला बनवाई जायेगी। जिससे धर्मशाला में श्रद्धालु और क्षेत्रीय नागरिकों को ठहरने का अवसर मिलेगा। साथ ही रावतपुरा धाम के प्रति आस्था जाग्रत होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुंभ क्षेत्र का लिया जायजा
मुख्यमंत्री चौहान तथा उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने सामाजिक कुंभ के दौरान बुधवार को विभिन्न मंदिर क्षेत्रों का भ्रमण कर देव दर्शन भी किए। संत शिरोमणि श्री रविशंकर जी महाराज ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को मंदिर क्षेत्र की व्यवस्थाओं का अवलोकन कराया। साथ ही श्रद्धालुओं और नागरिकों के लिए उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी।