राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2022 तक देश को टी.बी मुक्त बनाने के आव्हान पर सबसे पहले राजधानी भोपाल से टी.बी मुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। योजनाबद्ध तरीके से चलाए जाने वाले इस अभियान में सबसे पहले शिशुओं और महिलाओं को इस रोग से मुक्ति दिलाने पर ध्यान दिया जाएगा। क्षय रोगी 25 बच्चों को खोजा जाएगा और उनके माता-पिता को इलाज के बारे में जानकारी दी जायेगी। इन बच्चों में से टी.बी ऐसोसिएशन के सदस्य तथा देश के सम्पन्न लोगों से कम से कम एक बच्चे को गोद लेने में सहयोग लिया जायेगा।
राज्यपाल आज मध्यप्रदेश टी.बी ऐसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित कर रही थी। राज्यपाल टी.बी. अस्पताल में टी.बी. महिला रोगियों से मिलीं और फल भेंट किये। उन्होंने रोगियों को पूरा इलाज कराने का सुझाव दिया। यह 50 वर्षों में पहला अवसर था जब कोई राज्यपाल टी.बी रोगियों से मिलने गया।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने भोपाल के सभी नागरिकों, विधायकों, पू्र्व विधायकों पार्षदों, पूर्व पार्षदों, सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाओं से इस अभियान में हर संभव सहयोग करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि आइये हम सब भोपालवासी टी.बी के खिलाफ इस जंग में भाग लें। कोई भी रोग ऐसा नहीं है जिसे निश्चय और दृढ इच्छा शक्ति से हराया नहीं जा सके। उन्होंने कहा कि टी.बी रोगी महिलाओं और बच्चों के लिए घी, तिल और फलों के सेवन की आवश्यकता होती है। इसलिए समाज के सभी लोगों का दायित्व है कि वह इन वस्तुओं को उन तक पहुँचाए तथा रोगियों द्वारा इसका सेवन सुनिश्चित करने की ओर भी ध्यान दें। राज्यपाल ने कहा कि कई प्रबुद्ध और समाजसेवी लोग ऐसे हैं जो टी.बी मुक्त अभियान जैसे पुण्य के कार्यों में सहयोग करना चाहते हैं पर उन्हें ऐसे अभियानों की जानकारी नहीं होती है, न ही कोई उनसे संपर्क करता है। राज्यपाल ने टी.बी अस्पताल के डॉ. मनोज वर्मा को इस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कई योजना चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब तक समाज के सभी लोगों का इसमें योगदान नहीं होगा, तब तक इन योजनाओं के परिणाम सामने नहीं आयेंगे। ऐसोसिएशन की चेयरमेन श्रीमती मंजुला पांडा ने स्वागत भाषण दिया। सचिव डॉ. जी.पी. सक्सेना ने एसोसिएशन की गतिविधियों की जानकारी दी।