बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मंदिर के भीतर दो साधुओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार युवक ने पुलिस पूछताछ में कहा है कि पीड़ितों के साथ उसकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं ती। वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘आरोपी ने पूछताछ के दौरान कहा- यह भगवान की मर्जी थी।’ 55 वर्षीय जगदीश या रंगीदास और 46 वर्षीय शेर सिंह की सोमवार रात हुई हत्या के आरोप में पुलिस ने मुरारी सिंह उर्फ राजू को गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि साधुओं का चिमटा चुरा लेने की वजह से उनकी राजू से कहासुनी हुई थी।
हत्या को कैसे अंजाम दिया? इसके जवाब में उसने बताया पुलिस को बताया कि पहले उसने भांग खाया और फिर मंदिर में आया। वहां उसने सो रहे साधुओं पर लाठी से वार करना शुरू कर दिया। अधिकारी ने कहा कि अभी तक की जांच में चिमटे की चोरी का ही मुद्दा सामने आया है। बुलंदशहर के सीनियर एसपी ने कहा कि दो दिन पहले साधुओं का राजू के साथ झगड़ा हुआ था। उन्होंने राजू पर चिमेट की चोरी का आरोप लगाया था। एसपी ने बताया कि जब राजू को गिरप्तार किया गया तो वह काफी नशे में था और अर्ध-नग्न था।
बुलंदशहर के अनूपशहर कोतवाली के गांव पगोना में स्थित शिव मंदिर पर पिछले करीब 10 वर्षों से साधु जगनदास (55 वर्ष) और सेवादास (35 वर्ष) रहते थे। दोनों साधु मंदिर में रहकर पूजा करते थे। सोमवार की देर रात मंदिर परिसर में ही दोनों साधुओं की धारदार हथियारों से प्रहार कर हत्या कर दी गई। मंगलवार सुबह जब ग्रामीण मंदिर में पहुंचे तो उन्हें साधुओं के खून से लथपथ शव पड़े मिले। जानकारी पुलिस को दी जिसके तुरंत बाद अधिकारी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने एक युवक पर शक जताया था। पुलिस उसकी तलाश में थी। उसे दो किलोमीटर दूर दूसरे गांव से अर्द्धनग्न अवस्था में गिरफ्तार कर लिया है।