नयी दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय द्वारा 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन की डेथ वारंट के खिलाफ अपील खारिज किये जाने और फिर शाम को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा नयी दया याचिका खारिज करने के बाद जाने माने वकील प्रशांत भूषण सहित 12 वकीलों ने देर रात को मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू के घर जाकर याकूब को बचाने का एक और प्रयास किया गया।
ये वकील न्यायमूर्ति दत्तू के घर जाकर याकूब की फांसी कम से कम 14 दिन और टालने का आग्रह कर रहे हैं। ये वकील कुछ समय मुख्य न्यायाधीश के घर के बाहर खड़े रहे और इस दौरान सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के अधिकारियों के समक्ष याचिका दायर करने का प्रयास किया गया।
बाद में पौने बारह बजे सभी वकील न्यायमूर्ति दत्तू के आवास के भीतर चले गए। सूत्रों ने बताया कि ये वकील याकूब की फांसी पर रोक के लिए मामले का विशेष उल्लेख करेंगे। आपात स्थिति में न्यायाधीशों के आवास पर भी किसी भी समय अदालत लगाने का प्रचलन है।