भोपाल. लाल परेड ग्राउंड पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेधावी विद्यार्थी सहायता योजना के तहत 15 बच्चों की फीस के प्रमाण-पत्र बांटे। शाह ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया, मुद्रा बैंक, स्टार्टअप, स्टैंडअप और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम ने युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाया है। केंद्र सरकार ने पिछले तीन साल में विकास की गति बदलने का कार्य किया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में जो अर्थव्यवस्था लकवाग्रस्त थी, उसे आज दुनिया की सबसे तेज प्रगति करने वाली अर्थव्यवस्था का सम्मान मिल रहा है।

सीएम ने कहा कि विद्यार्थियों की मदद के लिए विद्यार्थी कल्याण कोष बनाया जाएगा। इस कोष में योजना का लाभ लेने वाले जो विद्यार्थी रोजगार से लग जाते हैं, वे मदद करेंगे। जिनका मेडिकल कॉलेज में प्रवेश हो जाता है वे पढ़ाई पूरी करने के बाद तीन वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देंगे। वर्ष-2015 और वर्ष-2016 के विद्यार्थियों को भी योजना का लाभ मिलेगा।

इन्हें योजना से मिली आगे पढ़ाई में मदद
1. एडमिशन लिया, अब चिंता नहीं
पापा राधेश्याम बागरे की छोटी सी दुकान है। मुख्यमंत्री ने यह योजना लागू कर हमारी और हमारे पापा की चिंता दूर कर दी है। मैंने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर में एडमिशन ले लिया है।

शुभांगी बागरे
आईआईटी में एडमिशन मिला
अब मेरी फीस भर जाएगी। इसके चलते पापा के ऊपर कोई आर्थिक बोझ नहीं आएगा। मेरा एडमिशन आईआईटी इंदौर में हो गया है। मुझे शुरू में लग रहा था कि पापा कैसे फीस भर पाएंगे। अब कोई समस्या नहीं हैं।
केशव राठौर
150 मेडिकल कॉलेज में
150 से अधिक विद्यार्थियों ने मेडिकल कालेजों में प्रवेश लिया है। इंजीनियरिंग कालेजों के 762 विद्यार्थी, पोलिटेक्निक के 83 विद्यार्थी एवं उच्च शिक्षा के लिए 20 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो चुके हैं।
इन्हें मिला प्रमाण-पत्र
एमबीबीएस के लिए चयनित रीवा की जस्मिन पटेल, इन्दौर के स्वप्निल कुन्हारे, इंजीनियरिंग में इन्दौर की आस्था डोंगरे, बैतूल की किरण जपाटे, आईआईएम इंदौर में बुरहानपुर की मानसी संजय

कांग्रेस नेताओं को घर में घेरो, चुनाव जीतो
अमित शाह ने कहा कि साल 2018 में विधानसभा की 200 सीटें जीतने का तो प्रदेश इकाई ने तय कर लिया है, लेकिन यह बातों से नहीं हो जाएगा। अभी तक 200 सीटें जीतने के लिए क्या रणनीति बनाई। शाह ने यह बात चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि 200 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है वह तो ठीक है, फोकस कांग्रेस की 56 सीटों पर करो। कांग्रेस नेताओं को उनके घरों में घेरो, ताकि वे बाहर न जा सकें।

स्थानीय मुद्दों में उलझने के बजाए कांग्रेस के बड़े नेताओं को टार्गेट करें। कांग्रेस के कब्जे में छिंदवाड़ा, गुना और झाबुआ लोकसभा सीट है, इन सीटों को भी 2019 में जीतने के लिए रणनीति बनाओ। इसके पहले इस संसदीय सीटों की विधानसभा सीटों पर 2018 में कमल खिलना चाहिए। सभाओं और जनसंपर्क का दौर जिला स्तर पर शुरू कर दें। प्रदेश स्तर की तैयारियों का इंतजार न करें। चुनाव जीतने की रणनीति बनाने के इस काम में पूर्व सांसदों और विधायकों की भी मदद लें।

जब शाह के सामने आए संजर
प्रवक्ताओं और मीडिया प्रभारियों की बैठक में परिचय के दौरान सांसद आलोक संजर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को परिचय दिया। संजर ने बताया कि मैं प्रवक्ता और सांसद हूं। शाह ने पूछा कहां से सांसद हैं, संजर ने कहा भोपाल से। इसके बाद शाह ने संजर को बैठने को कहा। आगे संगठन महामंत्री रामलाल ने प्रवक्ताओं से पूछा कि प्रदेश का जनसंपर्क मंत्री कौन है, तो प्रवक्ताओं ने कहा कि नरोत्तम मिश्रा। शाह ने मप्र के आईटी सेल को त्रिपुरा जैसे छोटे राज्य के सेल से भी कमजोर बताया।
योजनाओं का प्रचार ज्यादा, असलियत दूसरी ही है

अमित शाह ने रविवार को प्रदेश कार्यालय में पूर्ण कालिकों से चर्चा की। समयदानी कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर अभी सत्ता और संगठन को बहुत काम करने की जरूरत हैं। हकीकत यह है कि सरकार की प्रमुख योजनाओं का क्रियान्वयन बहुत धीमा है। कार्यकर्ताओं ने शाह को अपनी समस्याओं से भी अवगत कराया। शाह ने कहा कि विधायक की जिम्मेदारी होगी कि वे अपने क्षेत्र के कार्यकर्ता को बाइक उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा होने वाले खर्च को संगठन वहन करेगा। शाह ने निर्देश दिए कि समयदानी कार्यकर्ता सीधे उन्हें रिपोर्ट भेजेंगे। शाह ने कहा कि आप लोगों के पास सत्ता और संगठन का अच्छा फीडबैक है। क्योंकि आप अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे हैं।

इसलिए सरकारी योजनाएं अंतिम पंक्ति तक पहुंच रही हैं या नहीं खुलकर बताएं। जिसके बाद ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में काम कर रहे एक कार्यकर्ता ने बताया कि योजनाओं का जिस तरह से प्रचार किया जाता है, वैसे उनका क्रियान्वयन नहीं हो पाता है। भोपाल में युवाओं की बाइक रैली-शाह ने कहा कि एक जनवरी 2018 को भोपाल में तीन लाख युवाओं की बाइक रैली निकाली जाए। इस रैली में वे खुद भी आने की कोशिश करेंगे ताकि युवाओं का उत्साहवर्धन हो सके।

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