भोपाल। भाजपा में एक दर्जन से ज्यादा नेता अपने बेटा, बेटी और पत्नी के लिए लोकसभा टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी हाईकमान ने अभी तक 18 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है, जिसमें नेताओं की मांग को ठुकरा कर उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। अब ये नेता नाराज होकर घर बैठ गए हैं।

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव सागर, दमोह से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी से संकेत मिलने के बाद वे खुद दावेदारी से पीछे हट गए थे। इससे भार्गव को बड़ा झटका लगा है। हालांकि गोपाल भार्गव लंबे समय से अपने पुत्र अभिषेक भार्गव के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी अभिषेक ने सागर लोकसभा से टिकट की मांग की थी, लेकिन तब भार्गव सरकार में मंत्री थे, लिहाजा अभिषेक को टिकट नहीं मिला।

भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन भी अपने बेटी मौसम को बालाघाट से लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते थे। पिछले चुनाव में भी उन्होंने मौसम को लोकसभा चुनाव उतारने की भरसक कोशिश की, लेकिन पार्टी ने बोध सिंह भगत को बालाघाट से चुनाव मैदान में उतारा। बोध सिंह और बिसेन राजनीतिक विरोधी हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी देानों नेता एक-दूसरे के खिलाफ बांहेंतान चुके हैं। बिसेन भाजपा विधायक हैं और उनकी पत्नी रेखा बिसेन बालाघाट जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं, ऐसे में उनकी बेटी मौसम बिसेन को इस बार टिकट नहीं मिला। बिसेन ने बेटी को टिकट दिलाने के लिए भोपाल से दिल्ली तक के खूब चक्कर लगाए।

विदिशा संसदीय सीट से साधना सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग पार्टी में उठ रही थी। शिवराज खेमे के भाजपा नेताओं ने भोपाल पहुंचकर साधना सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग की थी, लेकिन पार्टी हाईकमान साधना को प्रत्याशी बनाए जाने पक्ष में नहीं है। इसके पीछे की यह वजह बताई जा रही है कि पार्टी ने नागर को फिर से राजगढ़ प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में साधना सिंह को टिकट मिलने की संभावना लगभग खत्म हो गई है। क्योंकि नागर किरार-धाकड़ समाज से हैं और खुद सामाजिक नेता भी है। साधना सिंह समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

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