लोकसभा में मिली करारी हार के बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार का फोकस केन्द्र की योजनाओं पर बना हुआ है। इसी के चलते मोदी सरकार के जिस फैसले को पिछली भाजपा सरकार ने टाल दिया था, अब उसी को प्रदेश की कमलनाथ सरकार लागू करने जा रही है।जिसके तहत मध्य प्रदेश में भी अब प्रधानमंत्री आवास महिलाओं के नाम पर दिए जाएंगे। केंद्र के निर्देश पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदेश के बाद ये नियम लागू किया जा रहा है।
दरअसल, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सितंबर 2018 में करीब 3.50 लाख लोगों को पीएम आवास के सर्टिफिकेट बांटे थे। बाद में उनकी रजिस्ट्री भी कर दी गई, लेकिन उसमें आवास महिला के नाम करने की मोदी सरकार के निर्देश को नहीं माना गया। पिछली शिवराज सरकार ने मोदी सरकार के पहले के फैसले के तहत जिसने भी आवदेन किया, उसके नाम पर आवास दिया, उसमें पुरुषों के नाम थे। अब कमलनाथ सरकार ने इस साल से पीएम आवास केवल महिला के नाम पर ही देना तय कर लिया है।मध्य प्रदेश में भी अब प्रधानमंत्री आवास अब महिलाओं के नाम पर दिए जाएंगे। घर का सर्टिफिकेट और रजिस्ट्री महिला के नाम ही कराए जाएंगे।
प्रदेश में केंद्र के निर्देश पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के आदेश के बाद ये नियम लागू किया जा रहा है। आवेदक की पत्नी के नाम पर ही आवास मंजूरी पत्र जारी होगा। सीएम ने निर्देश दिए कि जो भी आवेदन अभी तक आए हैं, उसमें पुरुष आवेदक की पत्नी के नाम पर ही आवास मंजूरी का पत्र जारी किया जाए। इसके तहत इस साल 5.61 लाख आवास देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत भी पिछली मंजूरी जारी हो गई है, उसे पूर्ववत रहने दिया जाएगा। अब महिलाएं आवास की मकान होंगी और इसे पुरुषों के नाम पर ट्रांसफर नही किया जाएगा।