सोनागिर। गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज के आशीर्वाद से आचार्य श्री धर्म भूषण जी महाराज के पावन सानिध्य में क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज के मार्गदर्शन में जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण महोत्सव पर 15 नवंबर रविवार सामूहिक महानिर्वाण लाडू महोत्सव एवं 2020 चातुर्मास मंगल कलश निष्ठापन समारोह का आयोजन भव्य रुप से आचार्य पुष्पदंत सागर चातुर्मास समिति एवं दिगंबर जैन जागरण युवा संघ रजिस्टर मुंबई के तत्वाधान में सोनागिरी स्थित आचार्य पुष्पदंत सागर सभागृह अमोल वाली धर्मशाला, भट्ठारक कोठी के सामने में आयोजित किया गया।

प्रचार संयोजक सचिन आदर्श कलम ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारंभ आचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन वीरेंद्र जैन, अनिल जैन महेंद्र जैन, नीरज जैन एवं सुनील जैन ने किया! इस अवसर पर जैन समाज के श्रद्धालुओ ने संगीतमय भगवान महावीर स्वामी अभिषेक कर महापूजन किया गया! पूजन के उपरांत 108 निर्माण मोदक, मुख्य निर्वाण लाडू 24 किलो का भक्तिभाव के साथ समर्पित किया गया। वही भगवान महावीर स्वामी की 108 दीपों से महाआरती नृत्य करते हुए उतारी। तत्पश्चात इस अवसर पर विधि-विधान के साथ आचार्य श्री धर्म भूषण जी महाराज एवं क्रांतिवीर मुनि श्री प्रतीक सागर जी महाराज अपने 2020 चातुर्मास मंगल कलश विधिविधान क्रियाओं के साथ निष्ठापन किया। दीपावली के पावन अवसर पर मुनिश्री सभी भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्रदान किया!


मुनिश्री प्रतीक सागर महाराज ने कहा कि जैनागम में आत्मा द्वारा शरीर को त्यागने को शोक का नहीं हर्ष का विषय बताया गया है जैनागम के अनुसार जब आत्मा भौतिक सुखों को त्यागकर जन्म मरण के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष मार्ग को अग्रसर होती है वह परम सुख है। महावीर स्वामी ने राजपाट छोड़कर मोक्षमार्ग चुना। जिनके सिद्धांत आज के युग में और अधिक प्रासंगिक हो गए है।

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